रांची : चारा घोटाला के चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में शुक्रवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने सजा की आधी अवधि जेल में बिताने के आधार पर लालू प्रसाद को सशर्त जमानत प्रदान की है। अदालत ने पचास-पचास हजार रुपये के दो निजी मुचलके और दो लाख रुपये जुर्माना राशि जमा करने का आदेश दिया है। हालांकि जमानत मिलने के बाद भी लालू अभी जेल से बाहर नहीं निकल पाएंगे। चारा घोटाला के चार मामलों में उन्हें सजा सुनाई गई थी, तीन में उन्हें जमानत मिली है। दुमका कोषागार के मामले में लालू की ओर से अभी तक जमानत याचिका दाखिल नहीं की गई है। लालू को चाईबासा मामले में सीबीआइ कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी, उन्होंने ढाई साल की सजा पूरी कर ली है।

लालू के स्वास्थ्य की मांगी जानकारी

जमानत पर सुनवाई के दौरान अदालत ने लालू की तबीयत को लेकर संज्ञान लिया है। इसके बाद कोर्ट ने रिम्स से पूछा है कि लालू प्रसाद की वर्तमान में तबीयत कैसी है? अगर उनका स्वास्थ्य सही है, तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है। इसके अलावा अदालत ने जेल आइजी से पूछा है कि जब से लालू प्रसाद जेल गए हैं, तब से उनसे कितने लोगों ने मुलाकात की है। दोनों रिपोर्ट छह नवंबर से पहले अदालत में दाखिल की जानी है। इस मामले में अदालत छह नवंबर को सुनवाई करेगी।

तीन मामलों में मिली जमानत

लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले मामले में झारखंड में कुल पांच मामले दर्ज हैं, जबकि एक मामला बिहार में दर्ज है। चाईबासा के दो, देवघर व दुमका के एक-एक मामले में लालू प्रसाद को सजा मिली है। वहीं, डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी वाले मामले में अभी ट्रायल चल रहा है। लालू प्रसाद को देवघर व चाईबासा कोषागार वाले मामले में पहले ही जमानत मिल चुकी है। शुक्रवार को चाईबासा के दूसरे मामले में उन्हें जमानत मिली है। जबकि दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में दो अलग-अलग धाराओं में लालू को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है। फैसले के बाद लालू प्रसाद के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा कि दुमका कोषागार मामले में शीघ्र जमानत याचिका दाखिल की जाएगी, इसमें राहत मिलते ही लालू प्रसाद जेल से बाहर होंगे।

आधी सजा पूरी होने पर मांगी जमानत

लालू की तरफ से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल व देवर्षि मंडल ने अदालत को बताया कि लालू प्रसाद को अब तक सभी मामले में आधी सजा काटने पर जमानत दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी आधी सजा काटने पर जमानत देने का प्रावधान किया है। यह भी कहा गया कि लालू प्रसाद का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। वह शुगर, हृदय रोग, किडनी सहित 16 प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हैं।

सीबीआइ ने किया जमानत का विरोध

सीबीआइ की ओर से लालू की जमानत का विरोध किया गया। कहा गया कि सीआरपीसी की धारा 427 व 31 के तहत अगर कोई किसी अन्य मामले में सजायाफ्ता है, तो पहली सजा पूरी होने के बाद ही दूसरी सजा प्रारंभ होगी, जो लालू प्रसाद के मामले में लागू होती है। इसलिए लालू प्रसाद ने इस मामले में एक भी दिन जेल में नहीं बिताया है। इसके अलावा देवघर मामले में हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही जमानत पर सुनवाई की जानी चाहिए। इसका लालू के वकील ने विरोध किया और कहा कि आधी सजा के आधार पर चारा घोटाले के अन्य सजायाफ्ता को जमानत मिली है। इस मामले को पहले कभी उठाया नहीं गया है, लेकिन लालू प्रसाद के मामले में सीबीआइ पैंतरे अपनाती है। इसके बाद अदालत ने लालू को सशर्त जमानत दे दी।

फैक्ट फाइल :

लालू को चारा घोटाला में अब तक सजा :

चाईबासा कोषागार (1) : पांच साल

देवघर कोषागार: साढ़े तीन साल

चाईबासा कोषागार (2) : पांच साल

दुमका कोषागार : दो धाराओं में सात-सात साल

(इसमें दोनों सजाएं अलग-अलग चलाने का आदेश है.)

Posted By: Inextlive