बेल पर रिहा हुए लालू प्रसाद यादव न तो विदेश जा पाएंगे औैर न ही रैलियों में ही शामिल हो पाएंगे. इतना ही नहीं प्रेस कांफ्रेंस करने पर ही रोक रहेगी. झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को सशर्त जमानत दी है.

कोर्ट में समर्थकों की भीड़
Ranchi:
मालूम हो कि लालू के जमानत संबंधित रिलीज ऑर्डर कोर्ट से मिलते ही जेल गेट में गतिविधि तेज हो गई। लालू को भी समय से सूचना मिल गई थी। उन्हें समय पर तैयार भी करा दिया गया था। जेल गेट के बाहर समर्थकों का आना-जाना शुरू हो गया था। इसके लिए जमानतदार जमानतदार प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी, प्रदेश प्रवक्ता डॉ। मनोज कुमार, पूर्व विधायक संजय कुमार सिंह यादव, जर्नादन पासवान सहित राजद नेता अभय सिंह, बिहार के बहादुरपुर के राजद विधायक व लालू के करीबी भोला यादव, बेलहर विधानसभा के पूर्व विधायक रामदेव यादव, राजद नेता रंजन कुमार, राजेश यादव, अफरोज आलम, सुधीर कुमार, मनसीर भगत, सुरेंद्र यादव सहित राजद के कई नेता कार्यकर्ता भी न्यायालय पहुंचे थे।

लालू के बने हैं छह जमानतदार
लालू के चारा घोटाला के अलग-अलग तीन मामलों में छह बेलर (जमानतदार) बनाए गए हैं। इनमें राजद के प्रदेश प्रवक्ता व झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य डॉ। मनोज कुमार, हजारीबाग के राजद कार्यकर्ता भुवनेश्वर पटेल, पूर्व विधायक जनार्दन पासवान, राजद कार्यकर्ता मसूद आलम, राजद के प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी और पूर्व विधायक संजय कुमार सिंह यादव शामिल हैं।

विदेश जाने पर लालू प्रसाद को ब्रेक
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का बेल बांड भरे जाने से संबंधित कानूनी प्रक्रिया बुधवार को पूरी की गई। चारा घोटाला के तीन मामलों में सीबीआइ के दो विशेष कोर्ट में लालू प्रसाद की ओर से बेल बांड भरा गया। तीनों मामले में छह बेल बांड 50-50 हजार रुपये के बांड भरे गये। इसके बाद अदालत से लालू प्रसाद से संबंधित रिलीज आर्डर जारी किया।

हाईकोर्ट से 42 दिन की मिली है बेल
उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद को इलाज के लिए झारखंड हाईकोर्ट से छह सप्ताह (42 दिन) के लिए प्रोविजनल बेल मिला है। इसमें यह शर्त है कि वे अपना पासपोर्ट निचली अदालत में सरेंडर करेंगे। हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए अदालत ने पासपोर्ट जमा करने की बात कही।

लालू प्रसाद का पासपोर्ट एक्सपायर
लालू प्रसाद का पासपोर्ट एक्सपायर हो चुका है। उसकी बैधता समाप्त हो चुकी है। इसकी जानकारी उनके अधिवक्ता प्रभात कुमार ने अदालत में दी। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में उन्होंने बताया कि पासपोर्ट सीबीआइ के पास जमा होने के कारण उसका रिन्यूवल नहीं हो सका है।

Posted By: Inextlive