राजधानी रांची में जमीन दलाल इतने हावी हो गए हैं कि लोगों को अपनी जमीन की सुरक्षा के लिए नोटिस लगाना पड़ रहा है. बात यहीं तक सीमित नहीं है. कई बार तो जमीन की जंग में कई दो पक्षों में झड़प और पुलिस हस्तक्षेप के मामले भी सामने आए है. यही कारण है कि अपनी खाली जमीनों की सुरक्षा और दूसरों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए लोग अपनी जमीन पर नोटिस लगाने लगे हैं.


रांची (ब्यूरो)। सिटी के मेन रोड स्थित चर्च रोड में एक घर के ऊपर 'जमीन दलालों से सावधान, यह जमीन और घर बिक्री का नहीं हैÓ का बोर्ड लगा है। लालपुर के वद्र्धवान कंपाउंड में भी खाली पड़ी जमीन पर जमीन दलालों से सावधान का बोर्ड लगा है। इतना ही नहीं, गली-मोहल्लों में भी किसी परिसर की दीवार या दीवार से लगे बोर्ड पर ऐसी ही सूचना अक्सर देखने की मिल रही है। गुजरने वालों का ध्यान दिलाने वाले इस तरह के सूचना बोर्ड कई जगहों पर मिल जाएंगे। दरअसल, राजधानी में जमीन दलालों व जमीन के जाली कागजात तैयार करने वाले जालसाजों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि अपनी संपत्ति बचाने के लिए लोग इस तरह के बोर्ड अपनी जमीन पर लगवाकर रखते हैं ताकि दलाल के झांसे में आकर उस जमीन को खरीदने की इच्छा रखने वाले लोग किसी पचड़े में पडऩे से पहले सावधान हो जाएं।खौफ में जमीन के मालिक
जमीन दलालों और जालसाजों की सक्रियता के चलते रांची शहरी क्षेत्र तथा शहर के आसपास के जमीन मालिक अपनी जमीन एवं भू संपदा को जालसाजों एवं जमीन दलालों से बचाने को लेकर चिंतित रहते हैं। खासकर ऐसे परिसर जहां जमीन मालिक स्वयं नहीं रहते, दूसरी जगह या दूसरे शहर में रहते हैं। दूसरे शहर में रहने वाले की जमीन हथियाना और उसे बेच देना, उनके लिए आसान होता है जबकि रांची शहर में ही रहने वालों की जमीन अगर कहीं दूसरी जगह खाली पड़ी हुई है तो उस जमीन का सौदा तक कर डालने से गुरेज नहीं है। ऐसे में किसी प्रकार इस बात की भनक जमीन मालिक तक पहुंच जाती है तो वे अपनी सम्पति को बचाने के लिए चेतावनी स्वरूप जमीन पर बोर्ड लगा देते हैं।सिटी में जमीन दलाल एक्टिवलोग अपनी जमीन को बचाने के लिए घरों के बाहर जमीन बिक्री की नहीं है का नोटिस इसलिए लगा रहे हैं कि उनकी जमीन अगर दूसरा कोई लेता है तो वह इस बोर्ड को देख कर सहम जाए। रांची के मेन रोड के अलावा कई मोहल्लों में भी खाली पड़ी जमीन और मकान पर इस तरह का बोर्ड लगाया गया है। जमीन दलाल इस कदर सक्रिय हैं कि ओरिजिनल मालिक की जमीन को ही दूसरे को बेच दे रहे हैं।अफसरों को नहीं परवाह


राजधानी रांची में मुख्यमंत्री से लेकर राज्यपाल, मुख्य सचिव, डीजीपी सहित सभी अधिकारियों का आशियाना है। सभी अधिकारी शहर के कई ऐसे इलाके से हर दिन गुजरते हैं, जहां इस तरह से ओरिजिनल जमीन मालिक को अपनी जमीन बचाने का डर और सुरक्षा को लेकर बोर्ड लगाना पड़ता है। लेकिन कोई भी अधिकारी ऐसे लोगों को कोई मदद नहीं पहुंचाता है। यह नई बात नहीं है राजधानी बनने के बाद से जमीन की कीमत बढऩे और राजधानी में अपना आशियाना बनाने के लिए लोग वैध और अवैध का कोई मतलब नहीं समझ रहे हैं। खासकर जमीन दलाल मोटी कमाई करने के लिए लोगों के घर और खाली जमीन का कागज बना रहे हैं।पूरी रांची का यही हालहेहल अंचल में 100 एकड़ जमीन का पेपर ओरिजिनल मालिक के बजाय दूसरे व्यक्ति ने बना लिया। कांके में बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की 20 एकड़ जमीन दलालों ने कब्जा ली थी। इसी तरह नामकुम, बडग़ाई, अरगोड़ा सहित शहर के सभी इलाकों में जमीन दलाल गलत कागज बनाकर जमीन बेच रहे हैं। इसमें ऐसे भी लोग हैं जिनका जमीन का कागजात पुरखों के समय से उनके नाम से है, लेकिन उसका भी गलत कागज जमीन दलालों ने बना लिया है। इसी डर से लोग अपनी प्रॉपर्टी पर इस तरह का बोर्ड लगा रहे हैं।हर दिन शिकायत

रांची में गलत तरीके से जमीन बेचने की शिकायत आए दिन सीओ से लेकर एलआरडीसी और एडिशनल कलेक्टर तक के पास पहुंचती है। लोगों की शिकायत के बाद सक्षम पदाधिकारी संबंधित जमीन को लेकर जांच का निर्देश तो देते हैं लेकिन नीचे से लेकर ऊपर तक जमीन के कागज इतने जगहों से बदले जाते हैं कि सही मालिक को भी अपनी जमीन का कागज जुटाने में परेशानी होती है। अपनी जमीन का कागज भी लोग प्रूफ नहीं कर पाते हैं। इस डर से लोगों ने अपनी खाली जमीन पर बोर्ड लगा दिया है।

Posted By: Inextlive