RANCHI: रांची में सरकारी जमीन की लूट का मामला सामने आने के बाद भू राजस्व विभाग द्वारा गठित एसआईटी की प्राइमरी रिपोर्ट सीएम हेमंत सोरेन को भेज दी गई है। साथ ही सीएम से मामले में जांच का दायरा बढ़ाने के लिए एक महीने का समय भी मांगा गया है। बता दें कि मामले में झारखंड सरकार ने श्रमायुक्त ए मुत्थुकुमार की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया है। यह टीम सरकारी जमीन की लूट के पीछे के सारे कागजात तैयार कर रही है। एक महीने में प्राइमरी रिपोर्ट बनाकर सीएम को भेजी गई है। टीम में संयुक्त सचिव अभिषेक श्रीवास्तव, विशेष सचिव सुमन कैथरीन किस्पोट्टा और अवर सचिव मधुकांत त्रिपाठी समेत अपर समाहर्ता राजेश कुमार बरवार भी शामिल हैं।

पहली रिपोर्ट सीएम के पास

एसआईटी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने एक महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। विभाग की ओर से गठित एसआईटी की टीम ने जांच शुरू की। इस दौरान टीम ने नामकुम, नगड़ी व कांके सीओ समेत रिकॉर्ड रूम, रजिस्ट्री ऑफिस और डीसीएलआर ऑफिस के कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारियों से भी पूछताछ की है। जितने भी तरह के शुरुआती कागजात की जरूरत थी वो सभी कार्यालय से कलेक्ट कर ली गई है। इसकी डिटेल रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री को भेजी गई है।

कई विवादित जमीन की जांच कर रही एसआईटी

एसआईटी को बिल्डर विष्णु अग्रवाल द्वारा खरीदी गई जमीन के अलावा पुलिस हाउसिंग कॉलोनी, नगड़ी अंचल के पुंदाग में विवादित जमीन की खऱीद-बिक्री की भी जांच का जिम्मा सौंपा गया है। बता दें कि मुख्यमंत्री सचिवालय में शिकायत की गयी थी कि सरकारी कर्मचारी और भू-माफिया मिलकर जमीन के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस शिकायत पर जांच के आदेश दिए थे।

इन जमीनों की जांच हो रही है

-नगड़ी अंचल के पुंदाग में विवादित जमीन की खरीद-बिक्री की गई है। मामले में कमिश्नर ने जांच कराकर रांची डीसी को कार्रवाई के लिए भेजा था। उपायुक्त को जमीन की रजिस्ट्री रद्द करने संबंधी पत्र दिया गया था। 10 रिमाइंडर देने के बाद भी इसपर कार्रवाई नहीं हुई।

-नामकुम अंचल के ही मौजा पुगड़ू में करीब 10 एकड़ खासमहाल जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री की गयी थी। रजिस्ट्री भी करा ली गयी थी। विभाग की तरफ से इस जमीन की जमाबंदी रद्द करने का आग्रह किया गया था। लेकिन रांची जिला प्रशासन की तरफ से सात रिमाइंडर के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई।

-कांके स्थित पुलिस हाउसिंग कॉलोनी, जिसमें पूर्व डीजीपी डीके पांडे ने अपनी पत्‍‌नी के नाम पर करीब 50 डिसमिल जमीन खरीद है। एसआइटी इसकी जांच भी कर रही है। विभाग का कहना है कि छह जून, 2019 को डीसी रांची को मामले की जांच कर विभाग को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था। विभाग की तरफ से तीन बार रिमाइंडर भी दिया गया। लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।

-मुख्यमंत्री सचिवालय में जमीन संबंधी एक शिकायत की गयी थी। कहा गया था कि सरकारी कर्मचारी और भू-माफिया मिलकर दस्तावेजों में हेरफेर और जमीन के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ कर रहे हैं। सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे बेचा जा रहा है। इस मामले में विभाग की तरफ से जिला प्रशासन को एक अक्टूबर 2020 तक जांच रिपोर्ट देने को कहा गया था। अब तक जांच रिपोर्ट विभाग में नहीं भेजी गई है।

Posted By: Inextlive