RANCHI सिटी के स्टेशन रोड स्थित दशमेश अपार्टमेंट के लोग डरे हुए हैं। क्योंकि अपार्टमेंट की जमीन दिनों-दिन गर्म होती जा रही है। अपार्टमेंट के बेसमेंट में जहां बोरिंग की गई है, वहांदस फीट के रेडियस में जमीन गर्म हो रही है। तापमान इतना अधिक है कि पानी डालते ही धरती सोख ले रही है। जमीन की तपिश का अन्दाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि नंगे पांव उस जमीन पर आप आधा मिनट भी खड़े नहीं रह सकते हैं। जमीन के गर्म होने से अपार्टमेंट के लोग डरे हुए हैं। उन्हें ये समझ नहीं आ रहा है कि आखिर जमीन के गर्म होने के क्या कारण हैं।

हरमू में भी आया था मामला

भूगर्भ शास्त्री नीतिश प्रियदर्शी ने कहा कि ऐसी घटना हरमू में भी हुई थी। कभी-कभी बोरिंग से भी गैस का जमाव ऊपरी सतह पर आ जाता है। हो सकता है मिथेन या कार्बनडाईऑक्साईड हो। जांच करने की जरूरत है। कभी-कभी सेप्टिक टैंक से रिसने वाली गैस से भी आसपास की जमीन गर्म होती है। चट्टानों से भी गैस रिस कर ऊपरी सतह पर चली आती है। जहां जमीन गर्म हो रही है, वहां लगातार नजर बनाए रखने की जरूरत है। कभी- कभी भूगर्भीय घटनाएं ऐसी हो जाती हैं, जब मिनरल रिफॉर्म होने से जमीन के अंदर की गैस ऊपरी सतह पर आ जाती है।

क्या कहते हैं अपार्टमेंट में रहनेवाले

बीते 15 दिनों से जमीन गर्म हो रही है। शुरुआती दौर में ज्यादा गर्म नहीं थी लेकिन दिनों-दिन इसका तापमान बढ़ता ही जा रहा है। जबकि ठीक इसके बगल में बोरिंग है। हम लोग काफी डरे हुए हैं।

- दीपक सिंह

जमीन बहुत गर्म हो रही है, समझ में नहीं आ रहा कि ऐसा क्यों हो रहा है। बारिश के मौसम में भी आप देख सकते हैं कि करीब दस फीट का दायरा तुरंत सूख जा रहा है।

- गोल्डन

बहुत डरे हुए हैं हमलोग, हमारी समझ से परे है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। स्थिति ये है कि एक मिनट भी नंगे पैर वहां खडृे नहीं हो सकते हैं। खड़े होने पर जमीन से भाप निकलने का अहसास होता है।

- रंजीत सिंह

बोले एक्सप‌र्ट्स

जमीन गर्म होने के कई रीजन हो सकते हैं। जब मिनरल दूसरे रिफॉर्म में खुद को बदलेगा तो एनर्जी लिबरेट होती है। पृथ्वी में कोक या मिनरल दूसरे में रिफॉर्म करते हैं तो थर्मल एनर्जी का रूप ले लेती है। लेकिन रांची में कोल की बात अभी तक सुनने में नहीं आई है। अगर जमीन मिनरल या कोल रिफॉर्म होने से गर्म हो रही है तो इसे सामान्य घटना नहीं मानना चाहिए। इसका भूगर्भीय रिसर्च कराना चाहिए, साथ ही फिलहाल सावधानी बरतने की जरूरत है। इसे हल्के में लेना भारी भूल भी हो सकती है।

- डॉ पीके वर्मा, एचओडी, जियोलॉजी विभाग, आरयू

Posted By: Inextlive