रांची नगर निगम बस स्टैंड व पार्किंग स्थल पर फास्टैग और क्यूआर कोड लगाएगा रांची के दो बस स्टैंड से रोजाना 750 बसों का होता है आना-जाना. ज्यादा वसूलकर कम पैसे बताते हैैं ठेकेदार लोगों से भी होती है मनमानी वसूली.


रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची में बस स्टैंड का ठेका लेनेवाले मनमानी कर रहे हैं। बस वालों से अनाप-शनाप पैसा लिया जा रहा है। रांची नगर निगम को सही रेवेन्यू नहीं दिया जा रहा है। इसे लेकर रांची नगर निगम ने शिकंजा कसना शुरू किया है। रांची के सभी बस स्टैंड में अब बसों की एंट्री के साथ ही 'लोकल फास्टैगÓ से पैसे की वसूली की जाएगी। वहीं, पार्किंग स्थलों पर क्यूआर कोड की मदद ली जाएगी। निगम ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि आम जनता की गाढ़ी कमाई ठेकेदार लूट न सकें। ठेकेदार लोगों से उतने ही पैसे लें, जितना नगर निगम द्वारा निर्धारित किया गया है।50 की जगह 8 हजार कलेक्शन


वर्तमान में शहर में नगर निगम के दो बस स्टैंड हैं। दोनों ही बस स्टैंड से प्रतिदिन 750 बसों का आवागमन होता है। इन दोनों ही स्टैंड्स का संचालन निगम निजी ठेकेदारों के माध्यम से करवाता है। लेकिन वर्तमान में इनका संचालन निगम अपने कर्मियों से करवा रहा है। यहां भी अवैध वसूली जोरों पर है। जिस स्टैंड से प्रतिदिन 50 हजार वसूली होनी चाहिए, वहां से कभी पांच तो कभी आठ हजार रुपए टैक्स का कलेक्शन किया जा रहा है। इसे देखते हुए अब इन स्टैंड्स पर फास्टैग लगाकर वाहनों से शुल्क वसूली की तैयारी है। फास्टैग लगाये जाने के लिए अपर नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन द्वारा बाजार शाखा के प्रभारी सिटी मैनेजर को दिशा-निर्देश दिया गया है।पार्किंग स्थलों पर क्यूआर कोडपार्किंग स्थलों पर भी ठेकेदार के लोग आम लोगों से दोगुने शुल्क की वसूली करते हैं। इसे देखते हुए अब ऑनलाइन मोड में शुल्क लेने का निर्देश दिया गया है। अब स्टैंड में पार्किंग शुल्क वसूल रहे ठेकेदार के लोगों को भी क्यूआर कोड रखना होगा, ताकि लोग स्कैन कर ऑनलाइन ही पैसे का भुगतान कर सकें। इसका एक फायदा यह होगा कि अगर ठेकेदार के लोग किसी से अधिक पैसे की वसूली करते हैं, तो संबंधित व्यक्ति प्रमाण के साथ इसे निगम में पेश कर सकेगा।तो कैश भी जमा कर सकते हैं

अगर किसी व्यक्ति के पास मोबाइल फोन नहीं है और वह व्यक्ति ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करना भी नहीं जानता हो, तो वह वहां तैनात कर्मी को नगद भुगतान कर सकता है। वर्तमान में यह परेशानी हो रही है कि आज नगर निगम ने जितनी भी पार्किंग स्थल पर लोगों को जिम्मेवारी दी है उनके आदमियों द्वारा निगम ने जो पार्किंग राशि तय की है उसे अधिक पैसे की वसूली की जा रही है। अधिक पैसा लेकर उनको मैनुअल रसीद थमा दी जाती है। इस कारण वह कहीं शिकायत भी नहीं कर पाते हैं। ठेकेदार के एजेंटों द्वारा लोगों के साथ मनमानी की जाती है। शहर के अलग-अलग स्टैंड में पार्किंग का अलग-अलग रेट तय है। ठेकेदार के कर्मचारी अपने हिसाब से उगाही में जुटे रहते हैैं। 5 रुपए की जगह 20 रुपए तक वसूल लेने का रिवाज चल रहा है। यही वजह है कि नगर निगम को अब ऑनलाइन मोड से पेमेंट के ऑप्शन पर काम करना पड़ रहा है।

Posted By: Inextlive