-ओपन हार्ट सर्जरी के इंतजार में सैकड़ों मरीज

-मरीज पूछ रहे कब आएगा मेरा नंबर

- रिम्स में गवर्नमेंट रेट पर की जाती है ओपन हार्ट सर्जरी

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सौ मरीज हैं ओपन हार्ट सर्जरी की वेटिंग लिस्ट में

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महीने में होनी थी दो दर्जन मरीजों की सर्जरी

रांची। कोरोना के बढ़ते संक्त्रमण ने हार्ट के मरीजों की सर्जरी पर क्लोजर लगा दिया है। रिम्स में ओपन हार्ट सर्जरी बंद हो गई है। इससे हार्ट पेशेंट्स की परेशानी भी बढ़ने लगी है। उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि उनका नंबर आएगा भी या नहीं। परिजन डॉक्टरों से कई तरह के सवाल भी पूछने लगे हैं कि ऑपरेशन में देरी से कहीं मरीज के लिए जानलेवा न हो जाए। इस पर डॉक्टर भी कुछ जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं।

हर महीने 12-15 सर्जरी

कुछ महीने पहले ही रिम्स में रेगुलर हार्ट सर्जरी शुरू हुई। इसके बाद झारखंड के लोगों को दिल के इलाज के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ रही थी। रिम्स में उनका इलाज भी गवर्नमेंट रेट पर ही किया जा रहा है। ऐसे में एक महीने में एवरेज 12-15 मरीजों की ओपन हार्ट सर्जरी की जा रही थी। मरीजों की रिकवरी भी तेजी से हो रही थी। यह देखते हुए ही मरीजों की पूरी लिस्ट तैयार की जा चुकी है कि किन मरीजों को प्राथमिकता दी जाएगी, पर लॉकडाउन के बाद अब लिस्ट दोबारा से तैयार करनी पड़ेगी।

मिली थी ऑपरेशन की डेट

लॉकडाउन से पहले मरीजों को ऑपरेशन की डेट दी गई थी। प्रायोरिटी के हिसाब से मरीजों की लिस्ट भी तैयार थी। इस बीच लॉकडाउन शुरू हो गया और मरीजों के आने पर रोक लग गई। वहीं, रिम्स में कोविड सेंटर बनाए जाने के बाद सर्जरी पर रोक लगा दी गई। अब लॉकडाउन बढ़ता ही जा रहा है। इस वजह से अबतक दो दर्जन मरीजों की ऑपरेशन की डेट पार हो चुकी है। वहीं, वेटिंग लिस्ट वालों को भी जल्द सर्जरी शुरू होने का इंतजार है, ताकि उनका नंबर भी आ जाए।

फॉलोअप वालों को दिक्कत

सिटी के अलावा राज्य के कई मरीजों ने रिम्स में सर्जरी शुरू होने से पहले बाहर जाकर ऑपरेशन कराया था। बाद में रिम्स में ही वे लोग फॉलोअप ट्रीटमेंट के लिए आने लगे। अब व्यवस्था पूरी तरह से ठप है और गाडि़यां बंद हैं। ऐसे में वे लोग फॉलोअप के लिए भी डॉक्टर के पास नहीं आ पा रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ मरीजों को इंफेक्शन भी हो गया है, लेकिन फोन पर सलाह लेने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है। अब डॉक्टर भी उन्हें लॉकडाउन खत्म होने तक सावधानी बरतने को कह रहे हैं।

ई-ओपीडी में कर रहे कॉल

हॉस्पिटल नहीं पहुंच पा रहे मरीजों के लिए ई-ओपीडी सर्विस शुरू की गई है, जहां पर हर दिन एक्सप‌र्ट्स की टीम मरीजों को उनकी बीमारी के हिसाब से दवाएं प्रेस्क्त्राइब कर रही है। अब हार्ट के भी 3-4 मरीज हर दिन ऑनलाइन डॉक्टरों को अपनी परेशानी बता रहे हैं। इन्हें दवाएं बस बीमारी को कंट्रोल में रखने के लिए लिखी जा रही है। बाकी इलाज तो हॉस्पिटल आने के बाद ही हो पाएगा।

केस 1

टीके देवी बिहार से हार्ट की सर्जरी के लिए आई थीं, लेकिन लॉकडाउन में उनका ऑपरेशन टाल दिया गया। छुट्टी देकर डॉक्टरों ने उन्हें घर भेज दिया और लॉकडाउन के बाद आने को कहा।

केस 2

वी मंडल को ओपन हार्ट सर्जरी के लिए 13 अप्रैल की डेट मिली थी। वहीं एक और मरीज की भी सर्जरी का शिड्यूल किया गया था, लेकिन दोनों की ही सर्जरी नहीं हो पाई है।

केस 3

सुनिता के पिता की हार्ट सर्जरी पिछले साल अक्टूबर में हुई थी। अब उनके चेस्ट में इंफेक्शन हो गया है। वे फॉलोअप के लिए रिम्स आते थे, लेकिन अब तो डॉक्टर से दिखाना संभव नहीं है। उन्हें ऑनलाइन ही डॉक्टर ने सावधानी बताई और कुछ दवाएं प्रेस्क्त्राइब की।

हमलोग हार्ट की सर्जरी में रिस्क नहीं ले सकते। कोविड सेंटर भी मेन बिल्डिंग से जुड़ा है। इसके अलावा कोई भी मरीज अगर पॉजिटिव आ जाए तो फिर मुश्किल हो जाएगी। चूंकि एक बार ऑपरेशन में 10 लोगों की टीम रहती है। लॉकडाउन से परेशानी तो बढ़ी है। डायरेक्टर को प्लान बनाकर हमने सुझाव मांगा है कि क्या कर सकते हैं। लॉकडाउन खत्म होने के बाद मरीजों का ऑपरेशन किया जाएगा।

डॉ अंशुल कुमार, एचओडी, कार्डियक सर्जरी, रिम्स

Posted By: Inextlive