लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर में होगी सार्वजनिक गणगौर पूजा


रांची (ब्यूरो) । मारवाड़ी समाज का खास पर्व गणगौर, राजस्थानी परंपरा को पुरानी विरासत के रूप में संजोए हुए मारवाड़ी समाज का प्रमुख लोकोत्सव है। होलिका दहन के दूसरे दिन से लगातार 16 दिनों तक चलने वाला गणगौर पर्व मूलत: कुआरी लड़कियों व महिलाओं का त्योहार है। सर्वप्रथम रांची में माहेश्वरी समाज द्वारा 1981 में श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर, गणेश नारायण साबू चौक, सेवा सदन पथ, अपर बाजार में माहेश्वरी महिला समिति की तत्कालीन अध्यक्षा स्व। सूरज देवी भाला ने ईशर-गणगौर की लकड़ी प्रतिमा जयपुर से मंगा कर सार्वजनिक गणगौर पूजा की व्यवस्था माहेश्वरी समाज के तीनों संगठन (माहेश्वरी सभा, महिला समिति, युवा संगठन) के सहयोग से शुरू की गई.मंदिर परिसर में सार्वजनिक गणगौर पूजा कोरोना काल में भी तत्कालीन अध्यक्ष शिव शंकर साबू व सचिव नरेन्द्र लाखोटिया ने सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए तथा मंदिर परिसर को सेनेटराइज कराते हुए जारी रखा।आयोजन की शुरुआत की
शुरुआत में स्व.सूरज देवी भाला ने स्व.सीताराम मारु, स्व.भगवान दास काबरा एवं समाज जनों के सहयोग से जयपुर की तर्ज पर ईशर-गणगौर शोभायात्रा निकाली एवं गणगौर मेला का आयोजन की शुरुआत की। इस वर्ष माहेश्वरी समाज के तीनों संगठन के सहयोग से शुक्रवार को श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर में सुबह 6.00 बजे से दोपहर 2.00 बजे तक सार्वजनिक गणगौर पूजा, अपराह्न 3.00 बजे से संध्या 6.00 बजे तक मंदिर परिसर में गणगौर मिलान एवं बड़ा तालाब में गणगौर विसर्जन घाट की व्यवस्था होगी। गणगौर मेला लगेगावहीं माहेश्वरी भवन में अपराह्न 3.00 बजे से रात्रि 8.00 बजे तक गणगौर मेला में लजीज व्यंजन की व्यवस्था की गई है। इस कार्यक्रम के मुख्य संयोजक शिव शंकर साबू को सहयोग के लिए प्रकाश काबरा, ओमप्रकाश बोड़ा, शारदा लड्डा, सुमन चितलांगिया,अंकुर डागा, नयन बोड़ा, राधव सारडा एवं समाज के तीनों संगठन के सदस्यों का सहयोग रहेगा।

Posted By: Inextlive