रांची: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में सिक्योरिटी गा‌र्ड्स और सैप के जवान तैनात हैं। इसके अलावा लोकल पुलिस के अधिकारी भी एंट्री प्वाइंट पर तैनात किए गए हैं। इसके बावजूद रिम्स में दलालों की चेन अपना काम कर रही है। वहीं एक कॉल पर दवा भी हॉस्पिटल के अंदर सप्लाई कर रही है, जिससे समझा जा सकता है कि कैसे अधिकारियों की नाक के नीचे दवा की मार्केटिंग हॉस्पिटल के अंदर की जा रही है। वहीं इससे मरीजों की जेब पर डाका डाल रहे हैं, सो अलग। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर रिम्स में दलालों की एंट्री कब बंद होगी?

हॉस्पिटल के अंदर चेन

हॉस्पिटल के अंदर तक प्राइवेट मेडिकल स्टोर वालों ने अपनी चेन बना रखी है, जिसके तहत वार्ड में जैसे ही मरीज को दवा लिखी जाती है तो इसकी सूचना मेडिकल स्टोर तक पहुंच जाती है। वहीं ड्यूटी में तैनात नर्स से लेकर गार्ड भी मरीजों को दवा दुकान का नाम और नंबर उपलब्ध करा देते हैं। इसके बाद कॉल करते ही दुकान का स्टाफ सबकुछ लेकर हाजिर हो जाता है। इतना ही नहीं, वह दवा का बिल भी वहीं आन स्पॉट बना देता है, जिससे की मरीजों को कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती।

इमरजेंसी के सामने भी दलाल

हॉस्पिटल में काम करने वाले गा‌र्ड्स और ट्रालीमैन भी इस चेन का हिस्सा है। ये लोग मरीजों की पूरी जानकारी दुकानदारों को उपलब्ध कराते हैं, जिससे की डॉक्टर से दिखाकर निकलने के बाद ही दुकानों के दलाल मरीजों को पकड़ लेते हैं। इसके बाद सीधे उसी दुकान में ले जाते हैं जहां से उनकी सेटिंग होती है। जहां मरीजों को दवा में कोई छूट तो नहीं मिलती। लेकिन दलालों का कमीशन मिल जाता है।

डीजे आईनेक्स्ट की सप्लायर से सीधी बातचीत

डीजे आईनेक्स्ट : भैया, डॉक्टर साहब ने कुछ दवा लिखी है, वो आपके पास मिल जाएगी क्या?

जवाब : हां, पुर्जा लेकर आइए। कौन-कौन सी दवा लिखी है देखने के बाद बताते हैं।

डीजे आईनेक्स्ट : मेडिसीन के डॉक्टर कई दवा लिखे हैं, जिसका पुर्जा लेकर आते हैं।

जवाब : जो भी दवा लिखे हैं आपको कहीं नहीं जाना होगा और सब दवा हाथ में लाकर देंगे।

डीजे आईनेक्स्ट : मेरे पास कोई आदमी नहीं है जो दवा जाकर ले आए तो क्या आप यहीं ला देंगे?

जवाब : आपको वार्ड में ही दवा मिल जाएगी, पहले पुर्जा तो लेकर आइए।

डीजे आईनेक्स्ट : बिल भी दीजिएगा न तो हमको पता चला जाएगा कि कितना खर्चा लगा?

जवाब : आपको दवा के साथ बिल भी सब एक जगह लाकर देंगे।

Posted By: Inextlive