रांची: रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर, पीएमसीएच धनबाद, हजारीबाग मेडिकल कॉलेज, पलामू मेडिकल कॉलेज व दुमका मेडिकल कॉलेज मिलाकर एक रिम्स यूनिवर्सिटी बनने की ओर कदम आगे बढ़ रहा है। वित्त विभाग से प्रस्ताव मिलते ही इसे कैबिनेट में अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। यानी अब राज्य की अपनी मेडिकल यूनिवर्सिटी होगी। संभवत इसी साल रिम्स को मेडिकल यूनिवर्सिटी का दर्जा भी मिल जाए। पिछले साल से ही रिम्स को यूनिवर्सिटी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस प्रस्ताव को रिम्स की गवर्निग बॉडी से भी मंजूरी मिल चुकी है।

दूसरी यूनिवर्सिटी पर निर्भरता नहीं

राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स मेडिकल यूनिवर्सिटी बनेगा। इसी यूनिवर्सिटी से झारखंड के सभी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दी जाएगी। यहीं से मेडिकल कॉलेज और नर्सिग कॉलेज की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। मेडिकल स्टूडेंट्स का अपना एकेडमिक कैलेंडर होगा। इससे परीक्षा और रिजल्ट के लिए यहां के स्टूडेंट्स को दूसरी यूनिवर्सिटी पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी निर्देश दिया है कि सभी राज्यों में एक मेडिकल यूनिवर्सिटी हो। इससे मेडिकल स्टूडेंट्स को रजिस्ट्रेशन समेत अन्य कामों में सुविधा होगी।

स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव

झारखंड में मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव तैयार हुआ है। रिम्स को मेडिकल यूनिवर्सिटी के रूप में अपग्रेड करने का प्रस्ताव है। स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल यूनिवर्सिटी अधिनियम का प्रस्ताव तैयार किया है। इसमें बताया गया कि यूनिवर्सिटी बन जाने से यहीं से राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज नियंत्रित होंगे। मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने से लेकर डिग्री देने तक का काम मेडिकल यूनिवर्सिटी से ही किया जाएगा।

ये फायदे होंगे

-राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एक ही यूनिवर्सिटी के अधीन आ जाएंगे।

-मेडिकल कॉलेजों की दूसरी यूनिवर्सिटी पर निर्भरता खत्म हो जाएगी।

-एक साथ समय पर परीक्षाएं होंगी। समय पर रिजल्ट जारी होगा। सेशल लेट नहीं होगा।

-झारखंड में मेडिकल शिक्षा में सुधार और एकरूपता आएगी

बनने हैं 5 और मेडिकल कॉलेज

वर्तमान में राज्य में छह मेडिकल कॉलेज हैं। इसके अलावा बोकारो, चाईबासा, कोडरमा, गिरिडीह और खूंटी में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव है। मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति झारखंड के राज्यपाल होंगे। बताया गया कि यूनिवर्सिटी बन जाने से केंद्र सरकार से इस मद में फंड भी मिलेगा।

रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा

राज्य की अपनी मेडिकल यूनिवर्सिटी होने पर रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। मेडिकल कॉलेजों का एकेडमिक अपग्रेडेशन भी हो सकेगा। राज्य में नए और बेहतर चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ मिलेंगे। इससे स्वास्थ्य विभाग में मानव संसाधन की कमी पूरी होगी।

Posted By: Inextlive