--भूखे-प्यासे धूप में सड़क किनारे बैठी रहीं प्लेयर्स

- ट्रेन थी रात में और सुबह ही होटल से बाहर निकाला

रांची। झारखंड की हॉकी खिलाडि़यों का हाल देखकर आपको भी रोना आ जाएगा। हॉकी की नर्सरी कहे जानेवाले झारखंड की प्लेयर्स के साथ भला ऐसा बर्ताव क्यों? वह भी उस झारखंड से जिसने हॉकी में ओलंपियन जयपाल सिंह मुडा, ओलंपियन सिल्वानुस डुंगडुंग, महिला हॉकी की कप्तान असुंता लकड़ा सहित कई प्लेयर्स देश को दिए हैं। इस झारखंड की बेटियों जिन्होंने खेलो इंडिया में हॉकी का रजत पदक जीती, उनको आयोजकों ने सड़क पर उतार कर भूखे प्यासे छोड़ दिया। इससे खिलाडि़यों को काफी परेशानी हुई। वे असहाय सड़क पर बैठी रहीं। झारखंड की टीम को गुवाहटी स्टेशन के समीप चिरोम प्लेस में ठहराया गया था। टीम की वापसी बुधवार की रात नौ बजे ट्रेन से होनी थी। इस बीच बुधवार की सुबह आयोजकों ने टीम प्रबंधन से कहा कि सभी को दूसरे होटल में शिफ्ट होना है इसलिए जल्द होटल खाली कर दें। कहा गया कि दूसरा होटल यहां से नजदीक है, पांच मिनट में पहुंच जाएंगे। लगभग दस बजे खिलाड़ी होटल खाली कर सड़क पर आ गए। आयोजकों द्वारा एक छोटा बस लाकर आधे खिलाडि़यों को उसमें बैठाया गया, बाकि को कहा गया कि पांच मिनट में आप सब वहां पहुंच जाइए, लेकिन दोपहर तक खिलाड़ी भटकती रहीं और उन्हें होटल नहीं मिला।

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भूखे प्यासे रहे खिलाड़ी

आयोजकों के गैरजिम्मेदराना रवैया के कारण झारखंड की बेटियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वे भूखे प्यासे सड़क पर बैठी रही। टीम के साथ गए हाकी झारखंड के महासचिव विजय सिंह, सह सचिव मनोज कोनबेगी ने इस संदर्भ में आयोजकों से बात की लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला। उनलोगों ने अपने पैसे से खिलाडि़यों के लिए नाश्ते का प्रबंध किया। खिलाडि़यों की स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें बाथरूम जाने के लिए भी भटकना पड़ रहा था।

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झारखंड ने जीता रजत

गुवाहटी में चल रहे खेलो इंडिया में झारखंड की टीम ने अंडर-17 व अंडर 21 बालिका वर्ग में रजत पदक जीता था। दोनों वगरें के फाइनल में झारखंड की टीम हरियाणा से पराजित हुई थी। दोपहर दो बजे हाकी झारखंड के सह सचिव मनोज कोनबेगी ने फोन पर बताया कि दो बजे तक हमें कोई होटल नहीं दिया गया है। खिलाडि़यों के साथ हमलोग भटक रहे हैं। ट्रेन रात में है और आयोजक में हमें सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं।

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हॉकी झारखंड की आपत्ति के बाद नसीब हुआ छत और भोजन

खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भाग लेने वाली झारखंड की बेटियों के साथ गुवाहटी में जो हुआ है वह निंदनीय है। खेलो इंडिया का आयोजन खिलाडि़यों की प्रतिभा निखारने व एक मंच देने के लिए किया जाता है। इस आयोजन में भारी राशि खर्च की जाती है। ऐसे में खिलाडि़यों के साथ ऐसा बर्ताव गलत है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। प्रधानमंत्री के सपने को इस तरह अमली जामा पहनाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। हॉकी, झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह की इस सख्त आपत्ति के बाद आयोजकों ने जहां खिलाडि़यों को लगभग ढाई बजे गेस्ट हाउस मुहैया कराया, वहीं तीन बजे के करीब भोजन नसीब हुआ।

Posted By: Inextlive