मोबाइल दुकानों में चोरी बेहद संगीन रूप लेता जा रहा है. पहले मार्केट में सब्जी खरीद रहे लोगों और बस स्टैैंड या रेलवे स्टेशन पर उच्चके मोबाइल पार कर लेते थे. लेकिन चोरों ने दुकानों को साफ कर एक झटके में ही लाखों का माल साफ करने की योजना के साथ रांची में एक तरह से अटैक ही कर दिया है.


रांची (ब्यूरो)। हैरानी वाली बात यह है कि रांची के दुकानों से चोरी हो रहे मोबाइल न तो ट्रेस हो रहे हैैं और न ही अपराधियों के पकड़े जाने के बाद भी दुकानों के मालिक को मिल रहे हैैं। यह केवल इसलिए हो रहा है, क्योंकि रांची से पहले चोरी के मोबाइल बिहार पहुंचाए जा रहे हैैं और वहां से सीमा पार नेपाल। वापसी की संभावना नहीं


हाल के दिनों में कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें चोरों ने मोबाइल दुकान को अपना निशाना बनाया है और लाखों रुपए के फोन पर अपना हाथ साफ कर दिया। पुलिस के हाथ इन मामलों में फिलहाल खाली है। हालांकि, चोरी के आरोपी को पकडऩे में पुलिस को सफलता जरूर मिली है, लेकिन मोबाइल फोन वापस दिलाने में अब भी पुलिस सफल नहीं हुई है। रांची से मोबाइल की चोरी के बाद चोर इसे देश से बाहर खपा रहे है। नेपाल चोरों के लिए फेवरेट जोन बना हुआ है। नेपाल तक चोरी का फोन भेजना भी चोरों के लिए आसान है और बार्डर के बाहर होने के कारण पुलिस आसानी से ढूंढ भी नहीं पाती। बिहार के रास्ते बार्डर पार

रांची में चोरी के वारदात को अंजाम देेने के बाद चोर सीधे बिहार को निकल जाते हैं। बिहार से रक्सौल होते हुए ये लोग बार्डर पार कर दूसरे देश (नेपाल) में पहुंच जाते हैं। बार्डर अलग हो जाने के कारण मोबाइल फोन दूसरे देश में खपाना बहुत आसान हो जाता हैै। नेपाल में औने-पौने दाम में मोबाइल फोन बेच कर चोर वहां से निकलना चाहते हैं। करीब डेढ महीने पहले हीनू के मोबाइल शॉप से गायब हुए 30 लाख के मोबाइल फोन चोरी के आरोपी को नेपाल के वीरगंज से गिरफ्तार किया गया है। लेकिन चोरों के पास मोबाइल फोन बरामद नहीं हुआ। चोरों ने पूछताछ में बताया कि नेपाल के अलग-अलग इलाकों में फोन बेचा गया। रांची पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार चोरी के सबसे ज्यादा मोबाइल पड़ोसी देश नेपाल में खपाए जा रहे हैं। इसके अलावा बांग्लादेश तक भी चोरी के मोबाइल पहुंच रहे हैैं। लेकिन बांग्लादेश की अपेक्षा नेपाल में मोबाइल फोन खपाना चोरों के लिए भी आसान है। दूसरे देश में मोबाइल खपने के कारण ही आईएमईआई नंबर होने के बावजूद पुलिस मोबाइल फोन नहीं ढूंढ पा रही है। पकड़े जाने का डर नहीं

मोबाइल चोर भी अब यह भली भांति समझ चुके हैं कि पुलिस आईएमईआई नंबर से मोबाइल को ट्रेस कर सकती है। यही कारण है कि चोर अपने देश में चोरी के मोबाइल बेचने से बचते हैं। नेपाल में आईएमईआई नंबर आसानी से ब्रेक किया जा सकता है। आईटी एक्सपर्ट तरुण सिंह बताते हैं मोबाइल चोरी करने वाले शातिर आईएमईआई नंबर ब्रेक करने के लिए एक खास टूल किट का यूज करते हैं। शातिर आईएमईआई नंबर ब्रेक कर किसी डेड फोन का आईएमईआई नंबर डाल देते हैं। इससे मोबाइल दूसरे देश में भी चलने लगता है। नेपाल और बांग्लादेश में यह काम आसानी से हो जाता है और वहां पर पकड़े जाने का डर भी नहीं रहता। नेपाल बिहार की सीमा से सटा हुआ है इसलिए वह चोरों के लिए पंसदीदा जगह बना हुआ है। इसलिए मुश्किल है पकडऩा
एक्सपर्ट तरुण सिंह के अनुसार जिस देश में फोन खरीदा गया है, सिर्फ वहीं इसे आईएमईआई नंबर से ट्रेस किया जा सकता है। अगर इंडिया में मोबाइल खरीदा गया है, तो उसे सिर्फ इंडिया में ही ट्रेस किया जा सकता है। मोबाइल देश के बाहर जाने से उसे ट्रेस करने के लिए उस देश की परमीशन लेनी होती है। पुलिस के पास आईएमईआई नंबर होते हुए भी पुलिस उससे कुछ खास पता नहीं लगा सकती। गौरतलब हो कि हिनू स्थित मोबाइल दुकान में हुए मोबाइल चोरी की घटना के एक सप्ताह बाद ही मोबाइल फोन एक्टिव होना शुरू हो चुका था। लेकिन पुलिस के हाथ दो महीने बाद भी खाली रहे। सीसीटीवी फुटेज और दुकानदार द्वारा उपलब्ध कराए गए संदिग्ध की तस्वीर के आधार पर पुलिस चोर तक पहुंची, मोबाइल का कोई अता-पता नहीं है।

Posted By: Inextlive