आपके मोबाइल फोन को जरा संभाल कर रखें क्योंकि उसपर चोरों की नजर है.


रांची (ब्यूरो): राजधानी रांची में मोबाइल फोन चोर गिरोह एक्टिव है। इस गिरोह का नाम है तीन पहाड़ी, जो साहेबगंज के तीन पहाड़ इलाके संबंधित है। गिरोह के सदस्य रांची के भीड़-भाड़ वाले इलाकों में लोगों को निशाना बना रहे हैं। गिरोह के सदस्य किसी के जेब से मोबाइल फोन गायब कर रहे हैं, तो कहीं घर और दुकान में मोबाइल फोन पर हाथ साफ कर रहे हैं। गिरोह का खुलासा तब हुआ जब गैंग का सदस्य पुलिस के हाथ चढ़ा। मेन रोड ओवरब्रिज के सामने एक मोबाइल चोर को लोगों ने रंगे हाथों पकड़ लिया। बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह साहेबगंज स्थित तीन पहाड़ का रहने वाला है। गिरोह के कई और भी सदस्य रांची के अलग-अलग इलाकों में चोरी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। सौंप देते हैैं सरगना को


गिरोह का सरगना भी है, जो सभी चोरी करनेवाले सदस्यों को मोबाइल फोन के बदले पैसा देता है। कम से कम 50 फोन जमा होने के बाद गिरोह के सदस्य अपने सरगना को सौंप देते हैं। 10 हजार रुपए की कीमत वाले मोबाइल फोन के एवज में दो हजार और बीस हजार रुपए वाले मोबाइल फोन के बदले पांच हजार रुपए चोरी करने वाले को मिलता है। वहीं अगर 50,000 से ज्यादा के मोबाइल फोन चोरी करके लाते हैं तो उन्हें उसके एवज में 20 हजार रुपए और गिफ्ट भी दिया जाता है। गिरोह में एक दर्जन से अधिक सदस्य हैं, जो रांची के बाजार, दुकान, मॉल, टूरिस्ट स्पॉट में फैले हुए हैं। दूसरे राज्य में बेचते हैैं मोबाइनतीन पहाड़ गिरोह द्वारा मोबाइल की चोरी कर उसे दूसरे राज्यों में बेच दिया जाता है। गिरफ्तार नाबालिग ने बताया कि इसी महीने कई सदस्य रांची आए हैं, जो सिटी के अलग-अलग इलाकों ठिकाना बनाए हुए हैं। कोई रेलवे स्टेशन तो कोई बस स्टैंड में रहा है। तो वहीं कुछ लोग रेंट में रूम लेकर रह रहे हैं। उनसे चोरी के मोबाइल फोन ज्यादातर अपराधिक एक्टिविटी शामिल जैसे साइबर फ्राड, किडनैपर, लेवी वसूलने वाले अपराधी खरीदते हैं। इसके अलावा नेपाल और बांग्लादेश में भी चोरी के फोन को खपाया जाता है। गिरोह में ज्यादातर नाबालिग

तीन पहाड़ गिरोह में ज्यादातर सदस्य नाबालिग हैं। इसके अलावा महिलाएं भी गिरोह के लिए काम करती हैं। महिलाएं और बच्चे मॉल में खरीदारी करनेवाले लोगों के आसपास घूमकर उनके पर्स और पॉकेट से मोबाइल गायब कर तुरंत उसे बाहर खड़े पुरुष सदस्यों को दे देते हैं। इस दौरान अगर किसी बच्चे को शक के आधार पर पकड़ा भी जाता था तब भी उनके पास से मोबाइल बरामद नहीं हो पाता था। गिरोह के सभी सदस्यों को इसकी ट्रेनिंग भी दी जाती है। पकड़े जाने पर उन्हें क्या करना है यह भी बताया जाता है। किसी भी हाल में अपने साथ के बारे में कुछ नहीं बताना गिरोह का रूल है, इसलिए कौन सदस्य कहां रह रहा है इसकी भी जानकारी ये लोग दूसरे से साझा नहीं करते। पहले भी पकड़ेे गए हैैं साहेबगंज जिले में तीन पहाड़ी नाम का एक कस्बा है। जहां के रहनेवाले कुछ लोग चोरी के धंधे में लिप्त हैं। सभी पेशेवर चोर हैं। फेस्टिवल सीजन में ये लोग रांची आते हैैं और चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं। तीन पहाड़ के गिरोह के सदस्य पहले भी गिरफ्तार किए गए हैं। बीते साले इनके पास 65 मोबाइल फोन बरामद किए गए थे।

Posted By: Inextlive