सिटी में एक लाख से ज्यादा म्यूटेशन अप्लीकेशन रिजेक्ट
- राज्य में सबसे म्यूटेशन के आवेदन रांची में ही रद्द हुए
- रिजेक्शन केसेज में सीएनटी और जीएम लैंड के मामले सबसे ज्यादा - शहर अंचल में 6025 मामलों को किया गया रिजेक्ट रांची में गलत कागजात और एक ही जमीन का बार-बार म्यूटेशन के लिए आवेदन देने के कारण जिले भर में 106520 म्यूटेशन अप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिए गए हैं। इसमें सबसे अधिक कीमती जमीन का मामला आने के कारण रद्द किया गया। इसके अलावा जीएम लैंड और छोटानागपुर टेनेंसी (सीएनटी) एक्ट का उल्लंघन कर ली गई जमीन के मामले भी रिजेक्शन में शामिल हैं। सालों से लंबित थे आवेदनरांची में म्यूटेशन के जिन मामलों को रिजेक्ट किया गया है, उनमें से अधिकतर सालों से लंबित थे। बार-बार पेपर की कमी के कारण आवेदकों को रिमाइंडर भी दिया जा रहा था। इसी क्रम में साल दर साल रिजेक्शन की कार्रवाई भी होती रही। जनवरी 2021 तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार एक लाख 6 हजार से ज्यादा आवेदन रिजेक्ट किए जा चुके हैं।
आदिवासी जमीन के मामले ज्यादाराजधानी में सबसे अधिक म्यूटेशन का आवेदन इसलिए रद्द किया गया है, क्योंकि आदिवासी जमीन को अपने नाम कराने के लिए दाखिल खारिज के आवेदन दिए गए थे। ऐसे पचास हजार से भी ज्यादा मामले हैं, जिनकी रजिस्ट्री हो चुकी है लेकिन जमीन का नेचर एसटी लैंड है। इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि जिस जमीन को जेनरल दिखाकर खरीद-बिक्री गई, उन्हें बेचने का अधिकार ही नहीं था। यह लैंड सीएनटी एक्ट के अधीन आते हैं। यही वजह रही कि विभिन्न अंचल ऑफिसेज से जमीन के म्यूटेशन के अप्लीकेशन रिजेक्ट किए गए।
जीएम लैंड के भी कई मामले सरकारी जमीन या जीएम लैंड के भी हजारों केसेज पेंडिंग थे, जिन्हें गहराई से छानबीन के बाद रिजेक्ट किया गया। जिले के एक आला अधिकारी ने बताया कि लोग किसी तरह कागज जमा कर जमीन की रजिस्ट्री करा लेते हैं। उसको म्यूटेशन करने के लिए आवेदन कर देते हैं। बाद में जब रजिस्टर टू से मिलान किया जाता है, तो उस जमीन का कोई डिटेल ही उपलब्ध नहीं होता है। इस कारण आवेदन को रद्द किया जाता है। ऐसे मामलों की संख्या भी बहुत अधिक है। खासकर राजधानी क्षेत्र में ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यूं बढ़ी रिजेक्शन की संख्याएक ही जमीन के म्यूटेशन के लिए कई बार आवेदन देने के कारण भी अप्लीकेशन रद्द किए गए हैं। कोई भी एक बार म्यूटेशन के लिए आवेदन देता है और एक कागज कम होने के कारण जब उसे वापस किया जाता है, तो वह फिर से पुराने कागज के साथ आवेदन देता है। इस कारण म्यूटेशन अप्लीकेशन रद्द होता है और चार से पांच बार आवेदन करने के कारण उसकी संख्या भी बढ़ जाती है।
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