RANCHI: राजधानी में मच्छरों ने कोहराम मचा रखा है। इनसे निपटने के लिए रांची नगर निगम जिस बिल्डिंग में योजना बनती है उसी के नीचे मच्छरों के पनपने का पूरा इंतजाम है। यहां डेंगू मलेरिया के मच्छर पनप रहे हैं। चूंकि एक बड़ी आबादी रांची नगर निगम के आसपास इलाके में रहती है। ऐसे में ये लोग भी प्रभावित हो सकते हैं।

वेपर लाइट का जमा है कबाड़

वार्ड के गली-मोहल्लों में पहले वेपर लाइटें लगाई गई थीं, जिनकी जगह एलइडी लाइट ने ले ली। अब पूरे शहर से खोले गए और खराब पड़े वेपर लाइट लाकर रांची निगम कैंपस में खाली पड़ी जगह पर रख दिए गए हैं। खाली पड़े लाइट के शेड में पानी और गंदगी का अंबार हो गया है। यह स्थिति पिछले कई सालों से है, लेकिन नगर निगम ने कभी भी इन्हें हटाने की चर्चा भी नहीं की।

स्टोर में भी है पूरा इंतजाम

रांची नगर के स्टोर में कई खराब गाडि़यां खड़ी हैं। काफी कबाड़ भी निगम का वहीं रखा गया है। ये कबाड़ भी कहीं न कहीं मच्छरों के ब्रीडिंग का एक बड़ा सोर्स बन रहा है। फिर भी निगम कबाड़ हटाने को लेकर गंभीर नहीं है।

डेंगू-चिकनगुनिया का खतरा

मच्छरों से निपटने को लेकर रांची नगर निगम ने पिछले दिनों योजना बनाई थी। वहीं, सेनेटाइजेशन के साथ-साथ लार्वीसाइडल का भी छिड़काव करने को कहा गया था, लेकिन लार्वीसाइडल का छिड़काव शुरू करने के बाद काम सुस्त पड़ गया है। आज जब मानसून शुरू हो गया तो भी छिड़काव रफ्तार नहीं पकड़ रही है। इस बार डोर-टू-डोर स्क्त्रीनिंग भी अबतक शुरू नहीं हुई है। ऐसे में सिटी में डेंगू-चिकनगुनिया फैलने का भी खतरा बढ़ गया है।

गंभीर नहीं है निगम

रांची नगर निगम का इलाका काफी बड़ा है। 53 वार्ड वाले रांची नगर निगम में 1.92 लाख से अधिक हाउस होल्डर रजिस्टर्ड हैं। निगम की एक बड़ी आबादी वाले इलाके में पिछले दो सालों में डेंगू-चिकनगुनिया ने कहर मचाया था। इसके लिए हेल्थ कैंप तक लगाने की नौबत आ गई थी। इसके बावजूद रांची नगर निगम अबतक गंभीर नहीं है।

Posted By: Inextlive