रांची: स्टेट के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स की सुरक्षा में एक बार फिर सेंध लग गई है, जहां इलाज करवा रहा मर्डर का आरोपी कैदी हथकड़ी समेत शनिवार की सुबह फरार हो गया। मर्डर का आरोपी सिद्धेश्वर रमैया नामक कैदी दुमका जेल से इलाज के लिए रिम्स लाया गया था। 4 फरवरी को अचानक पेट दर्द की समस्या के बाद उसे रिम्स के मेडिसिन आईसीयू में एडमिट किया गया था। यहां डॉ। सीबी शर्मा की देखरेख में उसका इलाज चल रहा था। उसे मेडिसिन आईसीयू के बेड नंबर 3611 पर रखा गया था।

सुरक्षा प्रभारी ने पल्ला झाड़ा

रिम्स के सुरक्षा प्रभारी आभास ने बताया कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि रिम्स में किसी कैदी का इलाज चल रहा है। ये दुमका का कैदी था और वहीं की पुलिस इसका इलाज करवा रही है। वहीं, रिम्स इलाके के बरियातू थाना प्रभारी सपन महथा ने कहा कि रिम्स में सुरक्षा की जिम्मेदारी वहां के सुरक्षा प्रभारी की होती है।

दो सिपाही कर रहे थे सुरक्षा

कैदी की सुरक्षा में दो सिपाही को रखा गया था। लेकिन दोनों को चकमा देकर वह शनिवार सुबह करीब 4 बजे ही बेड में बंधी रस्सी खोल कर हथकड़ी समेत भाग निकला। उसे बेड पर नहीं देख सिपाहियों ने खोजबीन शुरू कर दी। हालांकि, कई घंटों बाद तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। इधर, रस्सी उसकी बेड में वैसी ही बंधी हुई मिली है, जैसा कैदी को बांधा गया था। बरियातू टीओपी और थाना को सूचना देने के बाद पुलिस लगातार उसकी खोजबीन कर रही है।

क्या कहते हैं सिटी एसपी

सिटी एसपी सौरभ ने कहा कोई पुलिस पदाधिकारी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कैदी रिम्स लाया जाता है तो इसकी जानकारी वहां के सुरक्षा प्रभारी को होनी चाहिए। कैदी किस परिस्थिति में भागा है। क्या कारण है, इसकी जांच की जिम्मेदारी सदर डीएसपी को दी गई है। वे मामले की जांच कर रहे हैं, इसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

रिम्स में 100 से ज्यादा निजी सुरक्षाकर्मी

रिम्स के पास 100 से अधिक निजी सुरक्षाकर्मी हैं। इसके अतिरिक्त 100 के करीब सैप के जवान हैं। वहीं, बरियातू टीओपी में भी पुलिस कर्मियों की बंदोबस्ती है। बावजूद ऐसी घटनाएं रिम्स में लगातार होने से सुरक्षा पर उठ रहे सवाल।

पहले भी कई कैदी हुए फरार

केस 1

अक्टूबर 2019: भी रिम्स के मेडिसिन आईसीयू से ही एक कैदी फरार हुआ था। रांची के बिरसा मुंडा जेल का वह कैदी हाथ से रस्सी को सरकाने के बाद खिड़की से कूद कर भाग निकला। दिन भर खोजबीन से भी वह हाथ नहीं लगा।

केस-2

16 मई 2018: जरीया कटरमाली निवासी हत्यारोपी बुधराम उरांव रिम्स से पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया। उसके खिलाफ बेड़ो थाने में हत्या के दो समेत एक आ‌र्म्स एक्ट का भी मामला दर्ज है। धुर्वा पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा था। बाद में बेड़ो पुलिस ने रिमांड पर लेकर दोबारा जेल भेजा था। बेड़ो पुलिस के मुताबिक वह कुख्यात अपराधी था। जेल में पैर टूट जाने की वजह से उसे रिम्स के सर्जरी वार्ड में भर्ती कराया गया था।

केस 3

24 जनवरी 2018: रिम्स में इलाजरत कैदी पिंटू बाथरूम की खिड़की तोड़कर फरार हो गया था। वह डालटेनगंज का रहनेवाला है। उसे चोरी के मामले में डालटेनगंज पुलिस ने जेल भेजा था।

केस 4

2 जनवरी 2017 : दुमका जेल का सजायाफ्ता कैदी राजेश यादव मेडिसिन आईसीयू वार्ड से भाग निकला था। वह बिहार के जमुई जिले के कल्याणपुर सिमरतला का रहने वाला था। हत्या मामले में वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। उसे जॉंन्डिस के इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया था।

केस 5

23 मई 2014: चतरा मंडल कारा का कैदी रामस्वरूप भारती फरार हो गया। वह रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती था। उसके सिर में ट्यूमर था, 28 अप्रैल 2014 को उसका ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के बाद वह भाग निकला।

केस 6

2 जून 2016 : इटावा के मैनपुरी जिला जेल से इलाज के लिए रिम्स भेज गया कैदी यादवेंद्र फरार हो गया था।

केस 7

15 मार्च 2009: रिम्स के कैदी वार्ड में इलाजरत चार खूंखार अपराधी एक साथ फरार हो गए थे। इनमें एक नक्सली तेज नारायण गोप, हत्याकाड का सजायाफ्ता कैदी ज्योति लागुड़ी, हत्या का आरोपी रवींद्र सिंह और रामविलास सिंह उर्फ लैला शामिल थे। इनमें ज्योति और रवींद्र को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा रांची से, रामविलास को गोड्डा उप कारा से और तेज नारायण गोप को सिमडेगा जेल से इलाज के लिए रिम्स भेजा गया था। सभी कैदी बाथरूम का ग्रिल तोड़कर भाग निकले थे।

Posted By: Inextlive