रांची : गुमला में 15 लाख के इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव को मुठभेड़ में मार गिराने वाली टीम को शनिवार को डीजीपी ने नकद इनाम और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इनाम की राशि बुद्धेश्वर को ढेर करने वाली कोबरा बटालियन व झारखंड पुलिस की टीम के सभी पदाधिकारियों-जवानों में बंटेगी। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। डीजीपी नीरज सिन्हा ने शनिवार को पुलिस मुख्यालय में प्रेस को यह जानकारी दी। उन्होंने मौके पर पुलिस मुख्यालय की ओर से पूरी टीम के लिए गुमला के एसपी हृदीप पी। जनार्दनन व कोबरा बटालियन के कमांडर को इनाम की राशि व प्रशस्ति पत्र देकर उनका हौसला बढ़ाया।

नुकसान पहुंचाने का प्रयास

इस मौके पर डीजीपी ने कहा कि जंगलों में प्रेशर आइईडी लगाकर नक्सली ग्रामीणों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं और पुलिस जान पर खेलकर ग्रामीणों को बचाने के प्रयास में जुटी है। नक्सलियों की संख्या राज्य में भले ही कम हुई है, लेकिन दहशत फैलाने के उद्देश्य से ही नक्सलियों ने जंगलों में प्रेशर आइइडी लगा रखा है। पुलिस उनके इस नापाक इरादे को कामयाब नहीं होने देगी।

डीजीपी ने नक्सलियों से अपील की है कि वे ¨हसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटें तथा झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करें। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि झारखंड का प्राकृतिक सौंदर्य अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है, लेकिन नक्सलियों से भय से लोग ऐसे स्थलों का दर्शन करने से वंचित रह जाते हैं। राज्य में दहशत का माहौल खत्म होना जरूरी है।

बुद्धेश्वर और शनिचर का मारा जाना बड़ी उपलब्धि

डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि गुमला में 15 जुलाई को मुठभेड़ में 15 लाख के इनामी बुद्धेश्वर उरांव का मारा जाना और दो दिन बाद ही 17 जुलाई को पश्चिमी सिंहभूम में 10 लाख के इनामी शनिचर सुरीन का मारा जाना पुलिस की बड़ी उपलब्धि है। द सुरक्षा बल व पूरी टीम ने सटीक सूचना पर परिणाम देने वाली कार्रवाई की, जिससे पुलिस का मनोबल बढ़ा है।

मौके पर मौजूदगी

प्रेस वार्ता में डीजीपी नीरज सिन्हा, एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर, आइजी अभियान अमोल वी। होमकर, डीआइजी रांची पंकज कंबोज, एसपी गुमला हृदीप पी। जनार्दनन, सीआरपीएफ कोबरा बटालियन व अभियान से जुड़े अधिकारी मौजूद थे।

अभियान के दौरान कब क्या-क्या हुआ

- 12 जुलाई : पुलिस को सूचना मिली कि गुमला जिले के घोर नक्सल प्रभावित कुरुमगढ़ में भाकपा माओवादियों के 15 लाख का इनामी बुद्धेश्वर उरांव अपने दस्ते के साथ मौजूद है। उसने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रेशर आइईडी बम चारो तरफ लगा रखे हैं।

- 13 जुलाई : अभियान शुरू हुई ही थी कि नक्सलियों के बिछाए गए प्रेशर आइईडी विस्फोट से कोबरा 203 बटालियन का श्वान द्रोण शहीद हो गया। उसके चल रहे उसके हैंडलर विश्वजीत कुंभकार जख्मी हो गए।

- 14 जुलाई : नक्सलियों के बिछाए गए आइईडी ब्लास्ट में एक ग्रामीण रामदेव मुंडा की मौत हो गई।

- 15 जुलाई : पुलिस की घेराबंदी में माओवादियों का रिजनल कमांडर बुद्धेश्वर उरांव फंस गया। दोनों तरफ से ताबड़तोड़ फाय¨रग हुई, जिसमें बुद्धेश्वर वह मारा गया। 15 लाख के इनामी इस नक्सली पर राज्य के विभिन्न थानों में कुल 109 कांड दर्ज हैं, जो हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, डकैती, आगजनी, रंगदारी, लेवी मांगने, पुलिस पार्टी पर हमला करने व अन्य नक्सली घटनाओं से संबंधित हैं। पुलिस को मौके से एक एके-47 रायफल, दो मैगजीन, काफी संख्या में कारतूस, आइईडी, डेटोनेटर, मैगजीन, मोबाइल, नक्सली साहित्य आदि मिले। इसके बाद फिर सर्च अभियान चलाया गया तो दो इंसास, छह मैगजीन, 155 कारतूस आदि मिले।

- 16 जुलाई : खूंटी व पश्चिमी सिंहभूम सीमा पर पीएलएफआइ उग्रवादियों के विरुद्ध अभियान में पुलिस ने एक उग्रवादी शनिचर सुरीन को मार गिराया। वह जोनल कमेटी सदस्य था और उसपर 10 लाख रुपये का इनाम था। उसके विरुद्ध कुल 84 कांड दर्ज हैं, जिनमें चाईबासा जिले में 50, खूंटी में 32 व गुमला जिले में दो कांड दर्ज हैं। इस मुठभेड़ में दो पिस्टल व आठ मोटरसाइकिल की बरामदगी हुई है।

Posted By: Inextlive