चाईबासा : गुमला के कुरुमगढ़ क्षेत्र में 15 लाख के इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव को मार गिराने की घटना के दूसरे ही दिन शुक्रवार को पुलिस ने खूंटी-चाईबासा सीमा पर पीएलएफआइ के 10 लाख के इनामी उग्रवादी शनिचर उरांव को मुठभेड़ में मार गिराया। पीएलएफआइ का जोनल कमांडर शनिचर सुरीन मूलरूप से गुमला जिले के कामडारा थाना अंतर्गत सरिता गांव का रहने वाला था। पुलिस को पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत पी¨डग और बड़ाकैंसल गांव के पास उसकी मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद खूंटी व चाईबासा पुलिस ने संयुक्त टीम का गठन कर सर्च आपरेशन में उसे मार गिराया गया। पुलिस ने मौके से दो मोटरसाइकिल, पिस्टल, कट्टा, पिठ्ठू समेत कई अन्य सामान बरामद किए हैं।

पुलिस की बड़ी उपलब्धि

पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक अजय ¨लडा ने बताया कि शनिचर सुरीन का मारा जाना पुलिस की बड़ी उपलब्धि है। उसके खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूट, आगजनी, रंगदारी, पुलिस पर हमला व अन्य नक्सली हिंसा के 84 मामले दर्ज हैं। इनमें 50 मामले पश्चिमी सिंहभूम में, 32 मामले खूंटी में और दो मामले गुमला के विभिन्न थानों में दर्ज हैं। एसपी ने बताया कि खूंटी के रनिया की पुलिस को पश्चिमी सिंहभूम जिले की सीमा से सटे पेंडिंग के जंगलों में पीएलएफआइ दस्ते की मौजूदगी की खबर मिली थी। इसके बाद संयुक्त रूप से यह कार्रवाई की गई। इससे पहले तोरपा(खूंटी) एसडीपीओ के नेतृत्व में रनिया थाना की पुलिस तथा सैट की संयुक्त टीम की उग्रवादी दिनेश गोप के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी।

चल रहा सर्च ऑपरेशन

पुलिस के अनुसार नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च अभियान के क्रम में जिले के गुदड़ी क्षेत्र अंतर्गत पी¨डग व बड़ाकैंसल गांव के पास के जंगलों में पुलिस टीम और पीएलएफआइ दस्ता आमने-सामने आ गए। मुठभेड़ में पुलिस को भारी पड़ता देख पीएलएफआइ दस्ता पीछे हट गया। इसके बाद पूरे इलाके में सर्च आपरेशन चलाया गया। इस क्रम में पुलिस को एक उग्रवादी का शव मिला। उसकी शिनाख्त 10 लाख के ईनामी शनिचर सुरीन के रूप में हुई।

दो दिनों के भीतर झारखंड में दो बड़े कुख्यात उग्रवादी पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुके हैं। दो दिन पहले गुमला जिले के कुरुमगढ में भाकपा माओवादी के रिजनल कमांडर 15 लाख रुपये का इनामी बद्धेश्वर उरांव मारा गया था। अब पीएलएफआइ का जोनल कमांडर 10 लाख रुपये का इनामी शनिचर सुरीन पुलिस की गोली से ढेर हो गया। इससे पुलिस और सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ा है।

Posted By: Inextlive