Ranchi: मेरे प्रेमी ने मेरे साथ धोखा किया था. धोखा खाने के बाद मैं दिल्ली चली गई थी. वहां मैने ब्युटिशियन का काम किया. कुछ दिन वहां काम करने के बाद मैं वापस रांची के बीआईटी मेसरा ओपी स्थित घर आ गई. मैं वहां पर रह रही थी. पर मेरे मन में यह खटक रहा था कि एक दिन जिस प्रेमी ने मुझे ठुकराया है उससे बदला लेना है. इसके लिए मुझे किसी ऐसे आदमी की तलाश थी जो मेरी मदद करता.


प्रोग्राम में आया था तुलसीएक दिन मुझे सूचना मिली कि पीएलएफआई का जोनल कमांडर तुलसी पाहन बीआईटी, मेसरा में किसी प्रोग्राम में आया हुआ है। मैंने उससे किसी तरह कांटैक्ट किया और कहा कि मुझे भी गिरोह में शामिल कर ले। उस समय मुझे कोई मौका नहीं दिया गया। एक दिन पता चला कि तुलसी पाहन को खाना पहुंचाने जाना है। खाना पहुंचाने के बाद उस दिन वह वापस घर आ रही थी। इसी क्रम में पुलिस की दबिश बढ़ी। खदेड़े जाने के कारण फिर वह तुलसी पाहन से नहीं मिल सकी।गांव में रहने से मना किया
मन में उससे मिलने की हसरत तो थी लेकिन मौका नहीं मिल पा रहा था। कई दिनों के बाद उससे मिलने का मौका आखिर मिल ही गया। जब तुलसी पाहन उससे मिला तो कहा कि अब तुम गांव में मत रहो, क्योंकि पुलिस को पता चल गया है। यह कहना है रिया नायक को जिसे पुलिस ने सैटरडे को नक्सलियों के साथ अरेस्ट किया है। वह बताती है कि वह बीआईटी, मेसरा की इंजीनियरिंग की स्टूडेंट रह चुकी है।तुलसी पीएलएफआई सुप्रीमों के पास ले गया


रिया नायक ने कहा कि तुलसी पाहन उसे पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के पास ले गया। वह दिनेश गोप के साथ पांच-छह महीनों तक रही। उस ग्रुप में 40 से 50 लोग शामिल थे। दिनेश गोप ने फिर उसे संगठन के काम के लिए तुलसी पाहन के पास भेज दिया। साथ-साथ काम करते-करते वह तुलसी पाहन से प्रेम कर बैठी। वह तुलसी पाहन के साथ  कई वारदातों में शामिल रही। मूलत: उससे रेकी काम लिया जाता था। पूछताछ के दौरान वह वह इंग्लिश में भी जबाब दे रही थी.पहले आ गए थे हथियारदेवगाईं के जिस मकान में रांची पुलिस के साथ पीएलएफआई के मेंबर्स की मुठभेड़ हुई। उस मकान से छह देसी राइफल, पांच देसी रिवॉल्वर, एक कार्बाइन, 40 कारतूस, विंडोलिया, पिट्ठू, पर्चा व खुजली की दवा और मेकअप के सामान बरामद किए गए। युवती पहले ही उस मकान में अन्य दो साथियों क्रमश: संतोष महतो और संजीव कुमार के साथ थी.रनिया से चला था दस्ता

एसएसपी साकेत कुमार सिंह, ग्रामीण एसपी असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि इनफॉर्मेशन मिली थी कि पीएलएफआई का तुलसी पाहन अपने दस साथियों के साथ रनिया से देवगाईं की ओर चला है। वे लोग अनगड़ा जानेवाले हैं। फिलहाल, देवगाईं के गोसांई टोला में शरण लिए हुए हैं। इस सूचना पर एसएसपी ने टीम बनाई। टीम में तुपुदाना ओपी प्रभारी विनय कुमार, अनगड़ा थाना प्रभारी रतन कुमार सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया।पुलिस ने सभी को घेर लियापुलिस ने सभी को चारों ओर से घेर लिया। पुलिस टीम से घिरे होने पर उनलोगों ने फायरिंग की। फायरिंग होते देख पुलिस ने भी दस राउंड गोलियां चलाई। जब मकान सर्च किया गया तो वहां से एक युवती समेत तीन लोग पकड़े गए। पकड़ा गया एक नक्सली संजय बेदिया सिकिदरी के रंगामाटी का रहनेवाला है.माओवादी की जगह चाहते थेएसएसपी ने बताया कि सभी जंगल के रास्ते अनगड़ा में माओवादियों का स्थान लेना चाहते थे, ताकि बिजनेसमैन, क्रशर व्यवसायी से लेवी की वसूली की जा सके। पुलिस ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया। पुलिस टीम अन्य नक्सलियों को पकडऩे के लिए संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही है। डीजीपी राजीव कुमार के निर्देश पर एसएसपी ने मुठभेड़ में शामिल अनगड़ा थाना प्रभारी, तुपुदाना ओपी प्रभारी समेत 12 जवानों को पांच-पांच हजार रुपए देकर पुरस्कृत किया।

Posted By: Inextlive