रांची को है खून की जरूरत
RANCHI: सिटी के ब्लड बैंकों में निगेटिव ग्रुप के खून की कमी हो गई है। वहीं कुछ बैंकों में तो यह आउट आफ स्टॉक भी हो चुका है। ऐसे में अगर आपको निगेटिव ग्रुप के खून की जरूरत पड़ेगी, तो निराशा ही हाथ लगेगी। हालांकि, रिम्स में इमरजेंसी के लिए कुछ यूनिट ही ब्लड को रिजर्व रखा गया है। ऐसे में लोगों से बढ़-चढ़कर ब्लड डोनेट करने की अपील की जा रही है, ताकि ब्लड बैंकों में स्टॉक किया जा सके। रिम्स के ब्लड बैंक के मेडिकल आफिसर डॉ। केके सिंह ने बताया कि लोग अगर ब्लड डोनेशन के लिए आगे आएं, तो ऐसी समस्या ही नहीं होगी।
प्राइवेट हास्पिटलों में भी डिमांडराजधानी के सबसे बड़े ब्लड बैंक रिम्स में निगेटिव ग्रुप के कुछ यूनिट्स ही अवेलेबल है। इसकी एक बड़ी वजह प्राइवेट हास्पिटलों में भी ब्लड की डिमांड है। जहां जरूरत पड़ने पर रिम्स से भी ब्लड लेकर जाते हैं, ताकि मरीज की जान बचाई जा सके। ऐसे में इमरजेंसी की एक-दो यूनिट छोड़कर खून परिजनों को दे दिया जाता है।
प्राइवेट ब्लड बैंकों की हालत खराबब्लड बैंकों की बात की जाए तो प्राइवेट ब्लड बैंक की भी हालत कुछ ठीक नहीं है। वहां भी निगेटिव ग्रुप का ब्लड अवेलेबल नहीं है। वहीं अन्य ग्रुप के ब्लड्स की भी काफी कम यूनिट बची हुई है। ऐसे में जब मरीजों के लिए खून की जरूरत पड़ती है तो रिम्स की ओर भागते है।
फायदा उठाते हैं प्राइवेट ब्लड बैंक राजधानी में सरकारी और प्राइवेट मिलाकर एक दर्जन से अधिक ब्लड बैंक है। लेकिन लोगों को रिम्स के ब्लड ही ज्यादा भरोसा होता है। लेकिन मजबूरी में लोगों को प्राइवेट ब्लड बैंक के खून से ही काम चलाना पड़ता है। ऐसे में लोग क्वालिटी को नजरअंदाज कर देते हैं। वहीं मजबूरी का फायदा उठाकर ये लोग मनमाने पैसे भी वसूलते हैं। कहां कितना ब्लड अवेलेबल रिम्स ए पाजीटिव : क्भ् ए निगेटिव : ख् बी पाजीटिव : क्भ् बी निगेटिव : क्0 एबी पाजीटिव : 00 एबी निगेटिव : 0ख् ओ पाजीटिव : क्भ् ओ निगेटिव : 00 सेवा सदन ए पाजीटिव : 0म् ए निगेटिव : 0क् बी पाजीटिव : भ्0 बी निगेटिव : 0क् एबी पाजीटिव : 0फ् एबी निगेटिव : 00 ओ पाजीटिव : ब्ब् ओ निगेटिव : 0क् सीसीएल गांधीनगर ए पाजीटिव : 0ब् ए निगेटिव : 00 बी पाजीटिव : 0भ् बी निगेटिव : 00 एबी पाजीटिव : 0ख् एबी निगेटिव : 00 ओ पाजीटिव : 0म्ओ निगेटिव : 0क्