RANCHI: राजधानी में कोरोना के मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। हर दिन अब 80 से अधिक नए मामले केवल सिटी से ही आ रहे हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि कहीं न कहीं लापरवाही के कारण नए मरीज मिल रहे हैं। इसके बावजूद सिटी के सबसे बड़े बस टर्मिनल बिरसा मुंडा बस टर्मिनल में लापरवाही बरती जा रही है। जहां न तो बस में बिठाने से पहले पैसेंजर्स का टेंप्रेचर चेक किया जा रहा है और न ही उन्हें सेनेटाइजर ही दिया जा रहा है। वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग की तो खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पास में बैठने के बावजूद पैसेंजर्स मास्क तक लगाना उचित नहीं समझ रहे। ऐसे में यह लापरवाही न जाने कितने लोगों को कोरोना की चपेट में डाल देगी।

गाइडलाइन की उड़ा रहे धज्जियां

कोरोना को लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी की थी। इसका पालन कराते हुए बसों के परिचालन को परमिशन दी गई है, जिसके तहत हर ट्रिप से पहले बसों को सेनेटाइज किया जाना है। वहीं पैसेंजर के उतरने के बाद उस सीट का सेनेटाइजेशन कराया जाना है, जिससे कि दूसरों को इन्फेक्शन की आशंका कम हो। इसके अलावा यह भी निर्देश दिया गया था कि हर पैसेंजर का बॉडी टेंपरेचर चेक किया जाए। एंट्री से पहले उन्हें सेनेटाइजर दिया जाए। साथ ही मास्क के बिना एंट्री की परमिशन नहीं थी। लेकिन बस संचालकों को केवल अपनी कमाई से मतलब है। इस चक्कर में वे पैसेंजर्स की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

मास्क तक नहीं कर रहे चेक

टर्मिनल में जगह-जगह पर जवान तैनात किए गए हैं। लेकिन ये लोग टर्मिनल में आने वालों का मास्क तक चेक नहीं कर रहे हैं। वहीं बस में चढ़ाते समय संचालक की ओर से भी इसकी अनदेखी की जा रही है, जिससे की बसों में सफर करने वाले पैसेंजर्स को भी इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ गया है। अगर बस में सफर करने वाला एक भी व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उससे साथ में सफर करने वालों की टेंशन बढ़ जाएगी। ऐसे में मास्क हर किसी के लिए जरूरी है।

सेनेटाइजेशन के नाम पर आईवॉश

बसों के परिचालन से पहले पूरी तरह सेनेटाइज कराने का आदेश दिया गया है। इसके लिए वहां पर नगर निगम की ओर से स्टाफ तैनात किए गए हैं। लेकिन ये लोग बसों को नाम के लिए सेनेटाइज करते हैं। केवल बसों के बाहर छिड़काव कर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। जबकि बसों को खुलने से पहले अच्छी तरह से सेनेटाइज कराना है।

वेंडर बांट न दे पैसजेंर्स को बीमारी

बसों का परिचालन शुरू होने के बाद वेंडर्स की चांदी हो गई है। ये लोग पैसेंजर्स को सामान के साथ बीमारी मुफ्त में बांट रहे हैं। दुकान वाले तो बिना मास्क के अपनी दुकान में रहते हैं। लेकिन घूमकर सामान बेचने वाले वैसे ही बसों में जाकर सामान बेच रहे हैं, जहां उनके पास न तो मास्क है न ग्लव्स।

Posted By: Inextlive