RANCHI: सदर हॉस्पिटल में थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया से जूझ रहे बच्चों को ब्लड चढ़ाने के लिए डे केयर सेंटर की शुरुआत की गई थी, जहां पर बच्चों के लिए थीम बेस्ट वार्ड भी तैयार किया गया। लेकिन आज वहां पर आने वाले बच्चों को समय पर खून नहीं मिल पा रहा है, जिससे कि उन्हें कई दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, पैक सेल नहीं होने की स्थिति में अब उन्हें होल ब्लड चढ़ाने की नौबत आ जा रही है। बताते चलें कि सिटी में लंबे समय से ब्लड की क्राइसिस हो गई है।

10 दिन की वेटिंग

थैलेसीमिया के मरीजों को महीने में चार बार ब्लड चढ़ाना पड़ता है, जिससे कि एक-एक बच्चे को चार यूनिट खून की डिमांड होती है। लेकिन ग्रुप का खून अवेलेबल नहीं होने के कारण 10 दिन तक की वेटिंग मिल रही है। कुछ लोगों को तो दो से तीन दिन में भी खून मिल जाता है पर कुछ ग्रुप के लिए इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं होता।

केस-1

ठाकुरगांव से आए जितेंद्र महतो का बच्चा 5 साल का है। थैलेसीमिया से ग्रसित होने के कारण उसे हमेशा से ही ब्लड चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। इस वजह से 15-15 दिनों में सदर आना पड़ता है। अब उन्हें खून नहीं मिल पाता तो पहले कॉल करके नंबर लगाना पड़ता है। फिर दिए गए डेट पर बच्चे तो ब्लड चढ़ाने के लिए लेकर पहुंचते हैं। हालांकि इसमें थोड़ा देर होता है लेकिन इसके अलावा कोई चारा भी नहीं है।

केस-2

कांके के शमीउल्लाह अंसारी के बच्चे को सीकल सेल एनीमिया है। उसे रेगुलर हीमोग्लोबिन 9 तक मेंटेन रखने को कहा गया है। लेकिन उन्हें भी हमेशा खून नहीं मिल पाता। इसके लिए पहले आकर नंबर लगाते हैं और फिर खून की उपलब्धता देखते हुए उन्हें तय डेट पर बुलाया जाता है। इस वजह से इंतजार तो करना पड़ता है लेकिन बच्चे को खून चढ़ा दिया जाता है।

15 जनवरी को ब्लड बैंक की स्थिति

सदर ब्लड बैंक

ए पॉजिटिव 27

ए निगेटिव 1

बी पॉजिटिव 49

बी निगेटिव 0

ओ पॉजिटिव 52

ओ निगेटिव 0

एबी पॉजिटिव 4

एबी निगेटिव 6

रिम्स ब्लड बैंक

ए पॉजिटिव 3

ए निगेटिव 1

बी पॉजिटिव 3

बी निगेटिव 1

ओ पॉजिटिव 5

ओ निगेटिव 1

एबी पॉजिटिव 1

एबी निगेटिव 0

Posted By: Inextlive