रेसिडेंशियल होल्डिंग पर कॉमर्शियल काम पड़ेगा महंगा
रांची(ब्यूरो)। नगर निगम से झूठ बोलकर अगर रेसिडेंशियल होल्डिंग नंबर लिया है और उस जगह का इस्तेमाल कॉमर्शियल या बिजनेस परपस से कर रहे हैं तो निगम को तत्काल जानकारी दें। रांची नगर निगम की टीम ऐसे लोगों को चिन्हित कर रही है, जिन्होंने आवासीय होल्डिंग नंबर लिया है लेकिन वहां कॉमर्शियल इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर 15 दिन के अंदर सही-सही जानकारी निगम कार्यालय को दे देते हैं, तो उनको कमर्शियल होल्डिंग नंबर जारी कर दिया जाएगा। बाद में निगम की टीम अगर ऐसे लोगों को पकड़ती है तो उन पर डबल जुर्माना लगेगा और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। पंद्रह दिनों के बाद निगम द्वारा रांची के सभी घरों को सर्वे किया जाएगा।बड़ी संख्या में अवैध कारोबार
राजधानी में बड़े पैमाने पर व्यवसायिक इमारतें बिना नक्शा पास कराए बनाई गई हैं। यही नहीं कई आवासीय इमारतों में व्यवसायिक प्रतिष्ठान चल रहे हैं। लेकिन, नगर निगम ऐसी इमारतों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। इन इमारतों के मालिकों को कई बार नोटिस जारी किया गया है। अब निगम ने लोगों को मोहलत दी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा टैक्स कलेक्शन हो सके। भवन बनने से अब तक टैक्स
निगम क्षेत्र में रहनेवाले जिन लोगों ने अपने मकान या व्यावसायिक भवन का होल्डिंग नंबर अब तक नहीं लिया है, जल्द ही उन्हें होल्डिंग नंबर उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही उनका होल्डिंग टैक्स भी निर्धारित किया जाएगा। टैक्स का निर्धारण भवन के निर्माण काल से लेकर अब तक की अवधि का होगा। इसके अलावा समय पर होल्डिंग नंबर नहीं लेने के कारण आवासीय भवनों से 2000 और व्यावसायिक भवनों से 5000 रुपए जुर्माना भी वसूला जाएगा।इतनी इमारतों का होल्डिंग नहींनगर निगम ने शहर में बिना होल्डिंग नंबर वाले भवनों का सर्वे करने की तैयारी की है। शहर में बिना होल्डिंग नंबर वाले 2000 से अधिक भवनों को चिह्नित कर लिया है। एजेंसी के अनुसार, रांची नगर निगम क्षेत्र में 2.75 लाख से ज्यादा आवासीय एवं व्यावसायिक भवन हैं। इनमें से 2.25 लाख भवन मालिकों ने नगर निगम से होल्डिंग नंबर ले लिया है। शेष 50 हजार से ज्यादा भवनों के मालिकों ने अब तक होल्डिंग नंबर नहीं लिया है। होल्डिंग टैक्स के मद में नगर निगम को सालाना करीब 60 करोड़ राजस्व मिलता है। यह राशि शहर के विकास कार्य पर खर्च होती है।होल्डिंग नंबर से आमलोगों को फायदेनगर निगम द्वारा सभी प्रकार के भवन को उसकी पहचान के लिए विशेष नंबर आवंटित किया जाता है।
संबंधित व्यक्ति को नगर निगम से उसके भवन का मालिकाना हक का एक दस्तावेज भी मिल जाता है।होल्डिंग नंबर में जमीन का प्रकार, घर का क्षेत्रफल व घर की तस्वीरें रिकॉर्ड के रूप में दर्ज होती हैं।भवन मालिक पूरे अधिकार के साथ अपने मोहल्ले की समस्याओं की शिकायत दर्ज करा सकता है।
जिन लोगों ने आवासीय इस्तेमाल के लिए होल्डिंग नंबर लिया है और उसका इस्तेमाल कॉमर्शियल कर रहे हैं, उन लोगों को खुद से निगम में आकर जानकारी देनी है कि वह कॉमर्शियल इस्तेमाल कर रहे हैं। उनको कमर्शियल होल्डिंग नंबर जारी कर दिया जाएगा। इसके लिए 15 दिन का समय दिया गया है। 15 दिन के बाद ऐसे लोगों को चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।रजनीश कुमार, उप नगर आयुक्त, रांची नगर निगम।