रांची: कोरोना संक्रमण से बचने के लिए राज्य डब्ल्यूएचओं ने गाइडलाइन जारी की है। उसी गाइडलाइन के आधार पर राज्य सरकार ने भी नियम और कानून बनाए हैं। लेकिन ज्यादा पैसा कमाने की चाहत रखने वाले किसी भी नियम को तोड़ने से पीछे नहीं हटते। कुछ ऐसा ही नजारा पब्लिक ट्रांसपोर्ट में दिख रहा है। लंबी दूरी के लिए राज्य सरकार के आदेश के बाद बस सर्विस शुरू हो चुकी है। कुछ शर्तो के साथ बस परिचालन की अनुमति दी गई है। लेकिन न तो बस ड्राइवर न ओनर और न ही पैसेंजर उन शर्तो का पालन कर रहे हैं। रांची से ईटकी, गुमला बेड़ो, नगड़ी, मांडर आदि के लिए बसें खुल रही हैं। लेकिन इन बसों में तय किए गए पैसेंजर से ज्यादा सवारी ढोए जा रहे हैं। दो सीट में एक पैसेंजर को बिठाने का आदेश था, लेकिन इस आदेश का भी पालन नहीं हो रहा है।

नहीं है सोशल डिस्टेंसिंग

सोशल डिस्टेंटिंस का पालन नहीं होने की आशंका से ही बस परिचालन की अनुमति नहीं दी जा रही थी। बस ओनर्सं की ओर से बार-बार सभी निमयों का पालन करने का भरोसा दिया जा रहा था। लेकिन एक बार आदेश मिलने के बाद बस ओनर्स के सभी वादे हवा हो गए। अब बस में न तो सोशल डिस्टेंसिंग, न ही ड्राइवर सेनेटाइजर और मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। वहीं पैसेंजर्स द्वारा भी नियमों का पालन नहीं हो रहा है। नियमानुसार दो सीट पर एक पैसेंजर को ही बिठाना है लेकिन बस ड्राइवर इसे फॉलो नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा कंडक्टर को जिम्मेवारी सौंपी गई है सभी पैसेंजर्स के टेंप्रेचर मापने के बाद ही बस में बिठाएं, लेकिन इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है। जिला प्रशासन की ओर से भले ही बार-बार कार्रवाई हो रही हो, लेकिन बस ड्राइवर और ओनर्स सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।

राज्य से बाहर भी जा रहीं गाडि़यां

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के तीन सितंबर के अंक में स्टिंग प्रकाशित किया गया था, जिसमें बस एजेंट बिहार और यूपी भेजने की बात कर रहा था। इस खबर के बाद प्रशासन भी हरकत में आया, और बस ओनर्स पर फाइन किया गया है। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर वही स्थिति हो गई। बस ओनर्स और ड्राइवर्स बिहार और पश्चिम बंगाल के सवारी को धड़ल्ले से बिठा कर चल रहे हैं। डीटीओ प्रवीण प्रकाश अभियान चलाकर ऐसी बसों की जांच कर रहे हैं। सोमवार को भी कुछ बसों की जांच की गई, जिसमें पटना जाने के लिए सवारी को बस में बिठाते हुए पकड़ा गया। जांच में चार बस ओनर्स पर कार्रवाई हुई, जिन्हें 134600 रुपए का फाइन किया गया। डीटीओ ने बताया कि कोविड -19 के नियमों को नहीं मानने और बगैर पेपर के गाड़ी चलाने पर भी कार्रवाई हो रही है।

क्या कहते हैं पैसेंजर्स

नगड़ी जा रहे हैं, हमे तो कुछ पता भी नहीं। ड्राइवर ने कुछ जांच नहीं किया। मास्क तो नहीं गमछा लपेटते हैं। बस में सेनेटाइजर तो मिलना चाहिए, लेकिन वह भी नहीं दिया गया। सोशल डिस्टेंसिंग भी रखी जा रही। मजबूरी है, इसलिए बस में बैठे हैं।

-अनिल कुमार

जब से बस सर्विस शुरू हुई है। हम डेली आना-जाना कर रहे हैं। पहले बहुत दिक्कत होती थी। लेकिन बस ड्राइवर्स को नियम का पालन करना चाहिए। हम अलग-अलग बैठने को तैयार है, कंडक्टर ही नहीं बैठने देता है। पिस्का मोड़ पहुंचते ही काफी ज्यादा पैसेंजर्स भी बैठा लेता है।

-सुनिता

Posted By: Inextlive