रांची: कोरोना सिटी में अनलॉक हो चुका है। वहीं जुलाई में तो कोरोना ने सारे रिकार्ड ही तोड़ डाले हैं। पहले तो केवल माइग्रेंट्स ही कोरोना से संक्रमित मिल रहे थे। लेकिन अब लोकल लेवल पर भी इसका प्रभाव दिखने लगा है। सिटी का शायद ही कोई हिस्सा बचा होगा, जहां से कोरोना मरीज न मिले हों। ऐसे में नगर निगम का पूरा फोकस केवल इन्फेक्टेड एरिया में ही है। जहां पर सेनेटाइजेशन से लेकर फॉगिंग भी कराई जा रही है। जबकि आसपास के इलाकों में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ झांकने तक नहीं जाते। इससे समझा जा सकता है कि नगर निगम कैसे फॉगिंग और सेनेटाइजेशन में भी डंडी मार रहा है।

छूटे इलाकों में बढ़ा खतरा

रांची नगर निगम के अंतर्गत 53 वार्ड हैं, जिसके लिए सेनेटाइजेशन और फॉगिंग का रोस्टर बनाया गया है। लेकिन कोरोना के नए मरीज मिलने के बाद रोस्टर को फॉलो नहीं किया जा रहा। प्रभावित इलाकों में सेनेटाइजेशन के बाद फॉगिंग के लिए गाडि़यां भेजी जा रही हैं, जिससे कि कोरोना के साथ कहीं डेंगू समेत अन्य बीमारियां न फैल जाएं। इस चक्कर में छूट गए इलाकों में मच्छरों के पनपने और बीमारी फैलने का खतरा अधिक हो गया है।

इन इलाकों में नहीं हो रहा काम

-बसर टोली, चर्च रोड

-स्वर्णरेखा नगर, चुटिया

हमारे एरिया में तो गाडियां दिखाई ही नहीं देतीं। इसलिए अब हमलोगों ने उम्मीद भी छोड़ दी है। लेकिन जितने पैसे नगर निगम खर्च करता है अगर उसका थोड़ा भी काम दिख जाए तो सिटी में मच्छर नहीं दिखेंगे। लेकिन अधिकारियों को जो बताया जाता है वही देखते हैं। गाडि़यों की फोटो देखने से फॉगिंग थोड़ी न हो जाती है।

-हरमू हाउसिंग, हरमू

-रानी बागान, बरियातू

-हाउसिंग कॉलोनी, बरियातू

-भरमटोली, बरियातू

-पीएनटी कॉलोनी, लालपुर

लोगों ने बताई परेशानी

मेरे एरिया में पहले तो फॉगिंग हो रही थी। लेकिन कुछ महीने से गाडि़यां नजर ही नहीं आईं। सेनेटाइजेशन के लिए भी हैंड स्प्रे लेकर स्टाफ आते हैं। अगर निगम इसे गंभीरता से नहीं लेगा तो परेशानी खड़ी हो सकती है। मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। अधिकारियों को इसकी कड़ाई से मॉनिटरिंग करनी होगी।

सुनील किस्पोट्टा

मच्छरों ने तो घर में रहना ही मुश्किल कर दिया है। आज स्थिति यह है कि बिना लिक्विड जलाए घर में भी नहीं रह सकते। रात में तो मच्छर लगता है कि जैसे कहीं से छूटकर आए हों। नगर निगम हर इलाके को कवर करे तो हमलोगों की परेशानी थोड़ी कम होगी। केवल रोस्टर बनाने से नहीं, बल्कि काम कराने से होगा।

प्रवीण झा

रमेश शर्मा

कंप्लेन करने पर भी गाडि़यां नहीं आती हैं। आखिर ये लोग कहां फॉगिंग कर रहे हैं। रोस्टर के हिसाब से एक दिन भी तो आना चाहिए। लेकिन यहां तो महीने बीत जाने के बाद भी ये दिखाई नहीं देते। अगर बीमारी फैल जाएगी तो हर दिन सेनेटाइजेशन और फॉगिंग होगी। इस पर अधिकारियों को खुद नजर रखनी होगी।

विकास कुमार

Posted By: Inextlive