शीशे तक टूटे हैं सीट तो भगवान भरोसे हैं. टायर फटने के बाद भी 40 की स्पीड में हजारीबाग से रांची पहुंचाते हैं ड्राइवर. नियम ताक पर रखकर हो रहा है संचालन.


रांची (ब्यूरो)। एसी बस वाले पैसेंजर्स के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। अब एसी बसों में ना तो ठंडी हवा मिलती है, ना ही साफ -सफाई, बसों के शीशे टूटे हुए हैं, सीट खराब हो चुकी है। बसें अब नॉन स्टॉप भी नहीं चलती हैं। बीच रास्ते में खराब भी हो जाती हैं, पैसेंजर को अधिक पैसा देना पड़ता है। लेकिन इनको देखने वाला कोई नहीं है, बस वाले मनमानी करते हैं। 27 पैसेंजर की जान अटकी
एसी बसों की स्थिति के कारण किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो जाएगी। गुरुवार को हजारीबाग से रांची आने वाली साहिल एसी बस का एक टायर ब्लास्ट कर गया। बस में बैठे पैसेंजर डर गए, लेकिन ड्राइवर ने सभी पैसेंजर को कहा कि गाड़ी धीरे-धीरे लेकर रांची चले जाएंगे, डेढ़ घंटे का सफर डर-डर कर लोगों ने तीन घंटे में पूरा किया है। भगवान ना करे कि कोई हादसा हो जाता तो इसके लिए जिम्मेवार कौन होता। भगवान का नाम लेकर पैसेंजर रांची तक पहुंचे हैं। फ्लाइट भी छूट गई


कई पैसेंजर एसी बस का सफर इसलिए भी चुनते हैं कि उनको समय पर दूसरी जगह जाना होता है। बहुत सारे लोग अपनी फ्लाइट के अनुसार भी एसी बस को चुनते हैं कि तय समय पर पहुंच जाएं, लेकिन कई सारे लोगों की फ्लाइट भी छूट गई। शीशा, टायर, एसी, सीट सब खराब एसी बसों के टायर से लेकर शीशा, एसी, सीट सब कुछ खराब हो गया है, कई लोग ड्राइवर कंडक्टर से शिकायत भी करते हैं, लेकिन बस वाले कहते हैं कि जाना है तो जाएं नहीं तो दूसरी गाड़ी से चले जाएं। लोगों की मजबूरी होती है कि उनको समय पर जाना होता है, इसका फायदा बस वाले उठा रहे हैं। किराया कम नहीं नॉन एसी बस की अपेक्षा एसी बसों का किराया 40 प्रतिशत अधिक है। रांची से हजारीबाग नॉन एसी बस का किराया जहां 120 से 130 रुपए है। वहीं एसी बस का किराया 200 रुपए है। लोग अधिक पैसा देकर भी परेशान होकर सफर कर रहे हैं।हर जगह रुकती है बस सरकार ने एसी बस का किराया इसलिए अधिक लेने का आदेश दिया था कि सुविधा भी अधिक मिलेगी और बसें नॉन स्टॉप चलेंगी। रांची के ओवरब्रिज बस स्टैंड से जो बसें खुलेंगी सीधे दूसरे शहर के बस स्टैंड में ही पहुंचेंगी। लेकिन यहां हाल दूसरा है, ये बसें सभी जगह रुककर पैसेंजर लेती हैं। अधिकतर बसें दे रही धोखा

रांची के ओवरब्रिज बस स्टैंड से हर दिन हजारीबाग, जमशेदपुर, गिरिडीह, कोडरमा, बोकारो, धनबाद के लिए 130 से अधिक एसी बसें चलती हैं। इसमें से ज्यादातर बसें खराब हो चुकी हैं। कुछ के टायर फट गए तो कइयों में एसी ने काम करना बंद कर दिया। कुछ बसों के एसी के फिल्टर धूल के कारण चोक हो गए हैं। लेकिन इसमें से कई बसों का एसी खराब होने की वजह से पैसेंजर्स को प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है।सात साल पुरानी बसें बसों की हालत इसलिए भी इतनी खराब हो चुकी है क्योंकि बसें छह साल पुरानी हो चुकी हैं। पिछली सरकार ने 2016 में एसी बसों की सेवा शुरू की थी, उसी समय यह बसें खरीदी गईं। हालांकि कुछ बसें बाद में भी खरीदी गई हैं। सात साल पुरानी होने की वजह से बसों की स्थिति इतनी जर्जर हो गई। हर 5 मिनट पर एसी बस
अब एसी बसों में सफर करने वाले पैसेंजर बड़ी तादाद में हैं। इसीलिए हर अधिक रूटों पर परमिट दिया गया है। रांची से हर दस मिनट पर एसी बसें खुलती हैं। रांची, जमशेदपुर, रांची-सिमडेगा, रांची-चक्रधरपुर, रांची-लोहरदगा और रांची-गुमला रूट शामिल हैं।

एसी बसों को सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध करानी है। इसलिए वो अधिक किराया भी वसूल रही हैं। बसों की हालत खराब होने की शिकायत मिल रही है। जल्द ही चेकिंग अभियान शुरू किया जाएगा।-प्रवीण प्रकाश, डीटीओ, रांची

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