RANCHI: दुर्गापूजा को लेकर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने नदियों, तालाबों इत्यादि को प्रदूषण मुक्त रखने की अपील करते हुए मूर्ति विसर्जन हेतु दिशा-निर्देश दिए हैं। बोर्ड की तरफ से विज्ञापन निकाल कर लोगों से पर्यावरण संरक्षण हेतु अपील की गई है। बोर्ड के सदस्य सचिव की ओर से निकाले गए इस विज्ञापन में कहा गया है कि ध्वनि प्रदूषण (नियम एवं नियंत्रण) नियमावली 2000 का पालन करते हुए बगैर सक्षम प्राधिकार की अनुमति के लाउडस्पीकर नहीं बजाए जाएं। रात दस बजे से सुबह 6 बजे तक सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाना दंडनीय है। इसके लिए बोर्ड ने निर्धारित परिवेशीय ध्वनि स्तर की भी सूची जारी की है। साथ ही कहा है कि मूर्तियां धार्मिक ग्रंथों में वर्णित प्राकृतिक वस्तुओं से बनाई जाएं। परंपरा से चली आ रही मिट्टी के उपयोग को ही पक्के मिट्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस को प्रोत्साहित किया जाए। बोर्ड ने कहा है कि मूर्तियों के रंग-रोगन के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें ताकि जल में घुलने से किसी भी प्रकार का प्रदूषण ने फैले। साथ ही पूजन सामग्री जैसे-फूल, वस्त्र, प्लास्टिक, कागज इत्यादि नदी-तालाबों में विसर्जित नहीं करने की अपील की गई है। बोर्ड ने कहा है कि नहीं घुलने वाले पदाथरें अथवा अपघटित होने वाले पदाथरें को अलग से संग्रहित कर कंपोस्ट किया जाए।

क्या-क्या हैं निर्देश

-पवित्र जलस्त्रोतों में मूर्तियों के विसर्जन से होने वाले कुप्रभाव से लोगों को जागृत करने के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम चलाएं।

-मूर्ति विर्सजन के स्थानों को चिन्हित कर उसका घेराव किया जाए। विसर्जन के पूर्व स्थल की तलहटी पर सिंथेटिक लाइनर बिछाया जाए।

-मूर्ति के जल में घुलने के बाद लाइनर को मूर्ति के अवशेषों के साथ जल से बाहर निकाला जाए।

-मिट्टी आदि को सेनिटरी लैंड फिल्स में डाला जाए।

लाउडस्पीकर के लिए निर्देश

एरिया ध्वनि की अधिसीमा(डेसीबल में)

दिन रात

औद्योगिक प्रक्षेत्र 75 70

व्यवसायिक प्रक्षेत्र 65 55

आवासीय प्रक्षेत्र 55 45

शांत प्रक्षेत्र 50 40

Posted By: Inextlive