RANCHI: राज्य में डेवलपमेंट के कई काम चल रहे हैं। कहीं कम्यूनिटी हॉल, कहीं सब्जी मार्केट तो कहीं सरकारी भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन जिनके जिम्मे आधारभूत सरंचना निर्माण कराने की जिम्मेदारी है वे ही सरकार के कामकाज से खुश नही है। जी हां, स्टेट डेवलपमेंट में कान्ट्रैक्टर्स की अहम भूमिका होती है। कान्ट्रैक्टर ही सरकार की योजनाओं को आकार देते हैं। लेकिन समय पर पेमेंट नहीं मिलने से इनमें भी काम करने की इच्छा कम हो जाती है। कुछ ऐसा ही हाल इन दिनों झारखंड में है। राज्य के बिल्डरों का पेमेंट कई महीनों से नहीं हुआ है। जिस कारण काम में बाधा आने लगी है। कुछ काम तो रोक दिए गए हैं तो कुछ रोकने की स्थिति में हैं। एक जानकारी के अनुसार, कांट्रैक्टरों का लगभग एक हजार करोड़ रुपए बकाया है। जिस वजह से कांट्रैक्टर काम में रुचि नहीं ले रहे हैं।

चेक कटा पर ट्रेजरी कंगाल

अलग-अलग कांट्रैक्टरों द्वारा बार-बार भुगतान की मांग किए जाने के बाद उन्हें चेक तो काटकर दिया गया लेकिन ट्रेजरी में पैसा नहीं होने के कारण भुगतान ही नहीं हो रहा। बिल्डर एसो ऑफ इंडिया, झारखंड सेंटर के पूर्व अध्यक्ष संजीत ने बताया कि पथ निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, ग्रामीण विकास विभाग समेत अन्य कई विभागों में सरकार के काम चल रहे है। सरकार काम तो करा लेती है। लेकिन बाद में हमे पेमेंट के लिए बार-बार दफ्तरों का चक्कर लगाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कभी ट्रेजरी में पैसा नहीं तो कभी साफ्टवेयर की खराबी बताकर पेमेंट रोक दिया जाता है। इसका असर कांट्रैक्टर के अलावा राज मिस्त्री, मजदूर, कंस्ट्रक्शन मैटेरियल उपलब्ध कराने वालों पर भी होता है। क्योंकि जबतक हमारे पास पेमेंट नही आएगा हम उनका भी भुगतान नहीं कर सकते है। संजीत ने बताया कि कांट्रैक्टर अपना पैसा लगाकर काम कराते हैं। लेकिन जब पैसा खत्म होता है तो मार्केट से उधार लेकर काम चलाते हैं।

नई सरकार से उम्मीद

एसो। के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने बताया कि कई महीनों से कांट्रैक्टरों का भुगतान हुआ है। अलग-अलग एजेंसियों के लगभग एक हजार करोड़ रुपए के चेक 20 दिन पहले काटे तो गए लेकिन उसका भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नए सरकार से हमे काफी उम्मीदें है। कम से कम जिस अमाउंट का चेक काटा गया है वो भी क्लियर हो जाए तो कुछ काम आगे बढ़ सकता है। पेमेंट बकाया होने से स्मार्ट सिटी से लेकर फ्लाईओवर जैसे अन्य बड़े योजनाओं पर भी असर पड रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले इलेक्शन के कारण 31 दिसंबर तक हम सभी का पेमेंट रोका गया था। लेकिन अब ट्रेजरी खाली होने की बात कही जा रही है। मजदूर, छोटे व्यापारी जो इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य पर ही आश्रित है उनके भी जीवन पर असर पड़ रहा है।

Posted By: Inextlive