मजनुओं का लगा रहता है जमावड़ा. लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं रोड साइड रोमियो. थाने में एफआईआर तक नहीं लिखी जाती है लड़कों के खिलाफ.

रांची(ब्यूरो)। गल्र्स हॉस्टल के आसपास मजनुओं का जमावड़ा लगना अब भी बंद नहीं हुआ है। आज भी गल्र्स हॉस्टल के समीप रोड साइड रोमियो मंडरा रहे हैं। इन स्थानों पर पुलिस पेट्रोलिंग नहीं होती है, जिस वजह से आवारा लड़के हॉस्टल के आसपास ही अड्डेबाजी करते हैं। गर्ल स्टूडेंट्स द्वारा कंप्लेन देने के बाद भी स्थिति सुधर नहीं रही है। वहीं सिटी एसपी के आदेश का भी पालन होता नजर नहीं आर रहा है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही सिटी एसपी शुभांशु जैन ने शैक्षणिक संस्थानों और गल्र्स-ब्वायज हॉस्टल के आसपास गश्ती बढ़ाने का आदेश दिया था। लेकिन गश्ती दल ने उनके आदेश को गंभीरता से नहीं लिया है। शाम के वक्त ज्यादातर लड़कों का समूह अड्डाबाजी करता है। शाम में लड़कियां ट्यूशन या किसी और काम से अपने रूम से निकलती हैं, उस दौरान उन्हें छेड़छाड़ और फब्तियों का सामना करना पड़ रहा है।
मनचलों का बढ़ रहा दुस्साहस
पुलिस की लापरवाही के कारण मनचलों का दुस्साहस दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही लालपुर थाना में एक लड़की द्वारा आवेदन दिया गया, जिसमें लड़की ने छेड़छाड़ और कमेंट पास करने जैसे आरोप लगाया था। लड़की के इस आवेदन के बाद भी पुलिस न तो हरकत में आई और न ही मनचले युवक के खिलाफ कोई कार्रवाई की। शिकायत करने वाली युवती ने बताया कि मनचले लड़के हॉस्टल की लड़कियों से दोस्ती कर लेते हैं, और कमरे में आकर स्मोकिंग और ड्रिंक करते हैं। हॉस्टल का गार्ड भी उन्हें कुछ नहीं कहता है। कंप्लेन करने के बाद युवती को कई धमकियां भी दी गर्ई। लेकिन दिलचस्प बात तो यह है कि जब उस युवती ने थाना में एफआईआर करना चाहा तो उसका आवेदन भी नहीं लिया गया।
पास की दुकान में अड्डाबाजी
पीस रोड, वद्र्धवान कंपाउंड, लालपुर, डंगरा टोली समेत तमाम उन स्थानों पर शोहदे मंडरा रहे हैं जहां गल्र्स हॉस्टल हैं। इन स्थानों के आस-पास स्थित चाय-सिगरेट की दुकानों पर अड्डेबाजी है। इस अड्डेबाजी में कुछ लड़कियां भी उनका सपोर्ट करती हैं। इन दिनों चाय की टपरी पर लड़कियों को भी सिगरेट के कस लगाते आसानी से देखा जा सकता है। इसी का फायदा रोड साइड रोमियो उठा रहे हैं। उनसे फ्रेंडशिप कर हॉस्टल के कमरे तक पहुंच जाते हैं, जहां नशे की दुकान सजती है। इसी का जब दूसरी लड़कियां विरोध करती हैं तो उन्हें टारगेट करके परेशान किया जाता है। पीस रोड स्थित एक हॉस्टल में रहने वाली गल्र्स स्टूडेंट ने बताया कि लड़कियों द्वारा सपोर्ट करने का ही परिणाम है कि कुछ मनचले हॉस्टल के अंदर ही नहीं बल्कि लड़कियों के कमरे में भी घुस रहे हैं। हॉस्टल ओनर या यहां के गार्ड भी कुछ नहीं बोलते हैं। दूसरी लड़कियां सबकुछ देखने के बाद भी चुप रहती हैं। क्योंकि उन्हें डर रहता है कहीं उनके साथ भी छेड़छाड़ जैसी घटना न हो जाए।
क्या कहती हैं हॉस्टल की लड़कियां
गल्र्स हॉस्टल, इंस्टीट्यूट और कॉलेज के आसपास पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ानी चाहिए। जब क्लासेज चलती है, पुलिस को ड्यूटी पर तैनात होना चाहिए। इससे मनचलों में भय बनेगा।
-अपराजिता कुमारी

बिल्कुल परेशानी तो होती है। कॉलेज, ट्यूशन या मार्केट आने-जाने में भी मुश्किल होती है। लड़के कमेंट करते हैं, लेकिन हमलोग बगैर कोई रिप्लाई किए वहां से निकल जाते हैं।
- खुशबू सिंह

हॉस्टल या एजुकेशन सेंटर के आस-पास लगने वाली सभी चाय-सिगरेट की दुकानों को वहां से हटा देना चाहिए। सबसे ज्यादा ऐसे ही स्थानों पर लड़के अड्डेबाजी करते हैं।
- श्वेता कुमारी

पुलिस यदि मुस्तैद होगी तो इस तरह की घटनाओं पर कंट्रोल होगा। लड़कियां डर की वजह से ऐसे लड़कों को कुछ नहीं कहतीं। लड़कियों को भी अपनी आदतों में सुधार लाना होगा।
-रौशनी तिग्गा

Posted By: Inextlive