रांची: सावधान, कहीं आपके घर पहुंचने वाले गैस सिलेंडर में कोरोना वायरस तो नहीं या फिर जो व्यक्ति गैस सिलेंडर की डिलीवरी करने आया है वो वायरस की चपेट तो नहीं आया है। जी हां, गैस हर घर की जरूरत है और डिलीवरी ब्वॉय भी कई घरों में जाता है, दिन भर में सैकड़ों लोगों से मिलता है। लेकिन डिलीवरी ब्वॉय इन दिनों भारी लापरवाही बरत रहे हैं। कई डिलीवरी ब्वॉय ऐसे हैं जो मास्क और ग्लव्स का प्रयोग भी नहीं कर रहे हैं। सेनेटाइजर भी गाड़ी में सिर्फ दिखावे के लिए रखा रहता है। जब किसी ने जांच की या देखने को मांगा तो ये लोग सेनेटाइजर की छोटी शीशी निकाल कर दिखा देते हैं। इसी प्रकार डिलीवरी ब्वॉय द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया जा रहा है। जबकि एजेंसी के कर्मचारी भी पॉजिटिव हो चुके हैं। रविवार को कई स्थानों में ऐसा देखा गया जहां बगैर किसी सेफ्टी के डिलीवरी ब्वॉय द्वारा सिलेंडर की डिलीवरी दी जा रही थी। इसमें अलग-अलग एजेंसी के डिलीवरी ब्वॉय शामिल थे।

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हेहल

हेहल क्षेत्र में सुबह-सुबह गैस की डिलीवरी देने एक ऑटो पहुंचा। ऑटो में ड्राइवर और उसका हेल्पर सवार था। गैस सिलेंडर देने पहले से ड्राइवर ने कंज्यूमर से गैस कार्ड लिया और इसपर नंबर की एंट्री करने लगा। लेकिन ड्राइवर ने कार्ड लेने से पहले और न ही कार्ड देने के बाद अपने हाथों को सेनेटाइज करता दिखा। वहीं उसने मास्क भी नाक और मुंह से नीचे सरका रखा था। नियम के अनुसार हेल्पर के हाथ में ग्लव्स होना चाहिए। लेकिन उसने ग्लव्स नहीं पहना था। पूछने पर बताया कि गाड़ी में रखा हुआ है।

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पहाड़ी मंदिर

पहाड़ी मंदिर के समीप सिलेंडर देने वाले और लेने वाले किसी ने भी मास्क नहीं पहन रखा है। ड्राइवर के चेहरे का मास्क नाक-मुंह के बजाय गले को ढक रहा था तो वहीं हेल्पर ने ग्लव्स पहनना जरूरी नहीं समझा। कैमरा देखने के बाद सिलेंडर ले रही युवती ने अपने दुप्पटे से चेहरा ढक लिया। इस तरह से लोग लापरवाही कर रहे हैं तो ऐसे में कोरोना फैलेगा ही।

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मधुकम

मधुकम में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां सिलेंडर देने वाले और लेने वाले दोनों लापरवाह नजर आए। न हाथों को सेनेटाइज और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल। एजेंसी की और से ग्लव्स भी दिया गया है। लेकिन न तो ड्राइवर और न ही हेल्पर इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। चेहरे से मास्क भी बार-बार उतरता रहता है। छोटी सी चूक भी बीमारी को दावत देने के समान होगी।

दिन भर कई घरों में जाते हैं डिलीवरी ब्वॉय

गैस एजेंसी के डिलीवरी ब्वॉय एक दिन में लगभग 40 से 50 घरों में जाते है। अलग-अलग इलाकों में हर दिन सैकड़ों लोगों से इनका मिलना होता है। ऐसे में इन्हें और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। एक व्यक्ति के भी संक्रमित होने से वह एजेंसी के सभी लोगों को खतरे में डाल सकते हैं। इसके अलावा जिन घरों में सिलेंडर की डिलीवरी देने जा रहे है, वहां भी लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। गैस सिलेंडर की गाड़ी सिर्फ सुरक्षित एरिया में ही नहीं जाती बल्कि जिस स्थान से इन्फेक्टेड लोग निकले हैं और जिस घर को सील किया गया है, उसके अगल-बगल में भी लोग सिलेंडर की डिलीवरी देते हैं। इन लोगों की लापरवाही से कोई भी व्यक्ति संक्रमति हो सकता है। दो दिन पहले ही एक गैस एजेंसी के डिलीवरी ब्वॉय के संक्रमित निकलने की सूचना मिली है।

ऐसे बरतें सावधानी

सिलेंडर की गाड़ी के समीप जाने से पहले मास्क से नाक और मुंह को ढक लें। हाथ में सेनेटाइजर जरूर रखें। कार्ड लेने और पैसे देने के बाद हैंड सेनेटाइज कर लें। इसके अलावा संभव हो तो सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन करने की कोशिश करें। डिलीवरी ब्वॉय और ड्राइवर से ज्यादा बात करने से बचें। सिलेंडर लेने के बाद इसे सीधे रसोई में न ले जाएं बल्कि इसे अच्छी तरह से धो लें, इसके बाद ही रसोई में ले जाएं।

क्या कहते हैं लोग

ये लोग सावधानी नहीं बरतते हैं। कुछ कहने पर सीधे मुंह जवाब तक नहीं देते हैं। अगर डिलीवरी ब्वाय ही संक्रमित होगा तो पूरी कॉलोनी को संक्रमित होने में ज्यादा वक्त भी नहीं लगेगा।

-उपेंद्र

सावधानी तो बहुत जरूरी है। कई बार हड़बड़ी में सावधानी बरतना भूल जाते हैं। बगैर मास्क के ही सिलेंडर लेने आ जाते हैं। लेकिन अब से ख्याल रखना होगा।

-संगीता

Posted By: Inextlive