सुधरना चाहता हूं, दोस्त सुधरने नहीं देते
साथियों के संपर्क में आने के बाद फिर से लोग तंबाकू का करने लगते हैं सेवन
RANCHI तंबाकू-गुटखा खाने वाले लोग भी आम लोगों की तरह ही जीना चाहते है और तंबाकू का सेवन छोड़ना भी चाहते है। पर उनके साथी और आसपास के लोग उन्हें दोबारा से तंबाकू के सेवन के लिए उकसाते रहते है। यहीं वजह है कि कई बार लोग तंबाकू के सेवन को छोड़ने का मन तो बना लेते है, फिर छोड़ भी देते है। पर साथियों के संपर्क में आने के बाद ये लोग फिर से अपनी पुरानी आदतों में लौट आते है। ऐसे ही कई लोग हमारे आसपास है। आइनेक्स्ट ने ऐसे ही कुछ लोगों से उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी जानने की कोशिश की। साथियों ने दिया ऑफर, लग गई लतरिम्स कालोनी बरियातू में रहने वाले शारदा प्रसाद बताते है कि वह बचपन से ही तंबाकू खा रहे है। कई बार उन्होंने इसे छोड़ने की कोशिश की। इसके लिए आप्शन के तौर पर लौंग भी खाया पर मन में तंबाकू से ऐसा लगाव हो गया कि उसके बिना दिन की शुरुआत ही नहीं होती। वहीं कई बार साथियों ने आफर कर दिया तो उनकी बात नहीं टाल पाया। उनकी उम्र अब 60 के पार हो चुकी है। उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचकर अब भी वह कहते है कि छोड़ने की कोशिश करता हूं लेकिन दोस्त-साथी दबाव डालकर खिला ही देते है।
छोड़ना चाहा, पर नहीं छोड़ सका योंगेंद्र प्रसाद बरियातू रिम्स कालोनी में रहते है। वह बताते है कि किस तरह उन्होंने तंबाकू छोड़ने की कोशिश की और दोस्तों ने फिर उन्हें इसकी लत लगा दी। बार-बार छोड़कर फिर से इसका सेवन करना उन्हें बुरा तो लगता है। पर वह कहते है कि इसके बिना दिन अधूरा लगता है। बिना तंबाकू खाए दिन की शुरुआत ही नहीं होती। अब तो इसकी आदत बन गई है। ये जानने के बाद भी कि इसे खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है, कोई पूछ लेता है तो उसे ना भी नहीं कर पाता हूं। कोशिश करूंगा कि अब तंबाकू का सेवन कम करूं।