रांची। रांची रिजनल डेवलपमेंट ऑथरिटी (आरआरडीए) अपने उद्देश्य को पूरा करने में नाकाम साबित हो रहा है। यहां इक्के-दुक्के नक्शे ही पास हो रहे हैं। लिहाजा, आरआरडीए में सिर्फ रूटीन कार्यो को ही किया जा रहा है। पिछले करीब एक साल से (अध्यक्ष परमा सिंह का कार्यकाल समाप्त होने के बाद) यहां न तो कोई अध्यक्ष है ना ही कोई सदस्य बचे हैं। आरआरडीए के उपाध्यक्ष राजकुमार ने बताया कि यहां नक्शा पास करने का काम चल रहा है, लेकिन जो लोग आवेदन दे रहे हैं उनकी जमीन में बहुत अधिक गड़बडि़यां हैं। इस वजह से बहुत कम लोगों का ही नक्शा पास हो रहा है।

आ रहे हैं आवेदन

आरआरडीए में अवैध घरों को वैध करने के लिए आवेदन आ रहे हैं। घरों को वैध कराने में भी कई प्रक्त्रियाएं हैं। आवेदन लेने के बाद घर के नक्शे सहित उसे समय पर जमा करना है। 50 स्क्वायर फीट में बने घर फ्री में नियमित कर दिए जाते हैं, जबकि 51 से 100 स्क्वायर फीट में बने मकानों के लिए 100 रुपए और 101 स्क्वायर फीट से ज्यादा क्षेत्र में बने मकान के लिए 200 रुपए का डीडी फार्म के साथ जमा करना है। आवेदन जमा करने के बाद इसकी स्क्त्रूटनी की जाएगी। जिस भूखंड में मकान मालिक का मालिकाना हक होगा वे ही अपने घर को वैध कर सकेंगे, लेकिन जमीन के कागज सही नहीं होने के कारण इस प्रक्रिया में परेशानी हो रही है।

हैं हजारों अवैध मकान

आरआरडीए क्षेत्र में 50 हजार से भी अधिक अवैध मकान हैं। पहले भी कई बार रेगुलर करने के लिए इन्हें मौका दिया गया था, लेकिन जटिल प्रक्त्रिया के कारण लोगों ने अपने मकानों को रेगुलराइज करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। आरआरडीए के पदाधिकारी ने बताया कि कई सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपना घर जीएम लैंड, आदिवासी जमीन या सरकारी जमीन पर बना रखा है। ऐसे में वे इसे रेगुलर कराने से बचते हैं।

26 सड़कों को दी थी स्वीकृति

आरआरडीए के तत्कालीन अध्यक्ष परमा सिंह ने अपने कार्यकाल में 26 नई सड़कें और नाली का निर्माण कराने की स्वीकृति दी थी। इसके लिए आरआरडीए बोर्ड ने 66 करोड़ की राशि मंजूर की थी, लेकिन यह घोषणा भी हवा-हवाई हो गई और जमीन पर एक भी काम शुरू नहीं हो पाया। आरआरडीए के अंतर्गत बस रही नई कॉलोनी और मुहल्ले में रोड व नाली निर्माण कराने की बात कही गई थी। इनमें बसारगढ़, केसर बिहार, पुनदाग, दलादली, लालगंज और गेतलातू में रिंग रोड से सटे कॉलोनियों में रोड और नाली का निर्माण कराया जाना था।

चार जिले में खुलना है ऑफिस

नगर विकास विभाग ने आरआरडीए के क्षेत्र का विस्तार कर दिया है। अब आरआरडीए का क्षेत्र खूंटी, सिमडेगा, गुमला सहित लोहरदगा जिला भी होगा। इन क्षेत्रों में नगर परिषद या नगर पंचायत के बाहर चार किलोमीटर का क्षेत्र आरआरडीए के अंतर्गत आएगा। इसलिए संबंधित क्षेत्र में विकास योजना तैयार करने सहित आधारभूत संरचना का निर्माण अब आरआरडीए करेगा, लेकिन यह प्रस्ताव एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया।

बनना है और दो फ्लोर

राजस्व को बढ़ाने के लिए कचहरी चौक स्थित आरआरडीए की बिल्डिंग के ऊपर दो और फ्लोर का निर्माण कराया जाएगा। आरआरडीए की बिल्डिंग का नक्शा जी प्लस 10 का स्वीकृत है, लेकिन फिलहाल पांच तल्ला का ही निर्माण किया गया है। इसकी स्वीकृति मिल गई है, लेकिन इसके आगे और कुछ काम नहीं हुआ है।

आरआरडीए में नक्शा पास करने के लिए लोगों का आवेदन आ रहा है, लेकिन अधिकतर लोगों की जमीन का नेचर ठीक नहीं है। इस वजह से नक्शा पास नहीं हो रहा है।

राजकुमार, उपाध्यक्ष, आरआरडीए, रांची

Posted By: Inextlive