रांची: अगर आप भी रिम्स में इलाज के लिए जा रहे हैं और टेस्ट कराने की लगी रहती है तो अब यह टेंशन छोड़ दीजिए। वहीं इस बात की चिंता सताती है कि उनका टेस्ट कैसे होगा। इसके लिए रिम्स में सेंट्रल काउंटर की शुरुआत कराई जा रही है। जहां अलाउ फ्री कराने वाली पर्ची की एंट्री की जाएगी। इसके बाद ही मरीजों का टेस्ट कराया जाएगा। लेकिन हॉस्पिटल में फ्री टेस्ट कराना आसान नहीं होगा। इसके लिए जरूरी कागजात देना अनिवार्य होगा। वहीं पदाधिकारियों की अनुशंसा पर ही विशेष परिस्थिति में फ्री टेस्ट कराने की अनुमति होगी। बताते चलें कि मरीजों की परेशानी को देखते हुए व्यवस्था दुरुस्त की जा रही है ताकि रिम्स में आने के बाद उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। साथ ही टेस्ट के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर भी रोक लगाई जा सके।

यूनिट इंचार्ज को होगा पावर

वार्ड में एडमिट मरीजों का टेस्ट फ्री करने का अधिकार यूनिट इंचार्ज को होगा। जबकि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को फ्री टेस्ट का अधिकार एसओडी, पीओडी और सीएमओ को होगा। वहीं विशेष परिस्थिति में यह पावर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट का होगा। इसके अलावा यूनिट इंचार्ज के छुट्टी में रहने की स्थिति में एक डॉक्टर को यह जिम्मेवारी दी जाएगी। साथ ही यह जानकारी सुपरिंटेंडेंट आफिस को भी देनी होगी। पीपीपी मोड पर काम करने वाली एजेंसी भी फ्री टेस्ट करेगी। इसके लिए यूनिट वाइज सभी पेपर अलग करते हुए सीएमओ, एसओडी और पीओडी से साइन कराने के बाद डायरेक्टर आफिस में पेमेंट के लिए जमा करेगी।

डॉक्टर को करना होगा वेरीफिकेशन

अलाउ फ्री करने वाले डॉक्टरों को न केवल मरीज की पर्ची पर साइन करना होगा। बल्कि इसके साथ अपना मुहर भी लगाना होगा। इतना ही नहीं, मरीज की पूरी जानकारी भी अपने रजिस्टर में एंट्री करनी होगी, इससे गलत तरीके से टेस्ट कराने का सिलसिला खत्म हो जाएगा। इसके अलावा टेस्ट के लिए अलाउ फ्री करने के पहले संबंधित कागजातों की जांच भी डॉक्टर साहब ही करेंगे। वहीं रिम्स में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स भी केवल अपना टेस्ट ही करा सकेंगे, जबकि उनके फैमिली मेंबर्स के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होगी।

केवल डॉक्टर के साइन से होगा टेस्ट

सेंट्रलाइज्ड कंप्यूटर सिस्टम में एंट्री की व्यवस्था रिम्स में की जा रही है, जिसका काउंटर इमरजेंसी के सामने दवा वितरण केंद्र के काउंटर में बनाया जा रहा है। ऐसे में जबतक काउंटर को चालू करने की व्यवस्था नहीं हो जाती तबतक डॉक्टर के साइन करने से भी डायरेक्ट लैब में जाकर मरीजों का टेस्ट कराने की छूट दी गई है, लेकिन उसकी भी पूरी जानकारी डॉक्टर साहब को रखनी होगी।

इन लोगों को मिलेगा फायदा

-बीपीएल कार्ड होल्डर

-राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत पीला कार्ड व गुलाबी कार्ड धारक

-एसडीओ द्वारा 72000 तक वार्षिक आय के प्रमाण पत्र वाले परिवार के सदस्य

-गोल्डन कार्ड धारक

-पीआईआर (पुलिस केस)

-कैदी

-रिनपास-सीआईपी से लाए गए मरीज

-झारखंड के किसी भी रिमांड होम से लाए गए मरीज

-डिजेबल सर्टिफिकेट

-रिम्स में पढ़ने वाले सभी स्टूडेंट्स केवल स्वयं के लिए

-रिम्स में कार्यरत सभी पदाधिकारी, कर्मचारी (अनुबंध, डेली वेज, आउटसोर्सिग) के तहत कार्यरत कर्मचारी सहित परिवार के डिपेंडेंट मेंबर

-विशेष परिस्थिति में सीनियर पदाधिकारियों के निर्देश या अनुशंसा पर

Posted By: Inextlive