रांची: रांची में पुरानी बिल्डिंग का वेस्ट मैटीरियल ईट, सरिया, सीमेंट, मिट्टी, प्लॉस्टिक, पत्थर को अब गढ्डा में भरा नहीं जाएगा या कहीं फेंका भी नहीं जाएगा, बल्कि इसे दोबारा यूज करने लायक बनाया जाएगा। जी हां, रांची नगर निगम शहर में होने वाले कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट को रीयूज करने के लिए एजेंसी सेलेक्ट करने वाला है। इसके लिए एक मार्च को प्री बीड मीटिंग तय कर दी गई है। एक अप्रैल से एजेंसी का अपना काम शुरू कर देगी। इसके लिए एजेंसी को एक प्लांट भी लगवाना पड़ेगा, जिसमें कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन मैटेरियल सेग्रिगेट किया जा सकेगा।

प्रॉसेसिंग यूनिट लगेगी

नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कंस्ट्रक्शन ऑफ डेमोलिशन वेस्ट भी म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट का ही हिस्सा है, जिसे सॉलिड वेस्ट रूल बनाकर ठिकाने लगाता है। कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट को भी सेग्रिगेट करके दोबारा से यूज किया जाएगा। शहर में जगह-जगह पुरानी बिल्डिंग को गिराकर नए सिरे से बनाया जा रहा है। उनसे निकलने वाले मैटेरियल ईट, मिट्टी, सीमेंट, पत्थर, बजरी, लोहा और प्लॉस्टिक में से केवल लोहा कबाडि़यों के पास पहुंच रहा है, जबकि बाकी मैटेरियल शहर के लो लाइंग एरिया यानी खड्डों में पहुंचाया जा रहा है। इसे गिराकर लोग गढ्डे को भरते हैं।

नहीं गिरा सकेंगे लो लाइंग एरिया में

पुरानी बिल्डिंग को ढाहकर नए सिरे से बनाने वाले ऐसे मैटेरियल को लो लाइंग एरिया में नहीं गिरा सकेंगे। नगर निगम की ओर से कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट की पॉलिसी का पालन करते हुए मैटेरियल तय स्थान पर ले जाना होगा। जहां पर इसके लिए प्लांट लगाया जाना है। जिस एजेंसी का चयन किया जाएगा उसे वेस्ट मैटेरियल उठाकर अपने प्लांट तक ले जाना होगा और वहीं पर इसे रीयूज के लिए तैयार किया जाएगा।

एजेंसी को 6 माह में शुरू करना होगा काम

नगर निगम को बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट री-यूज करने के लिए जिस एजेंसी का चयन किया गया जाएगा, उसे छह महीने के अंदर प्लांट भी लगाना होगा। इसके साथ ही मैटेरियल सेग्रिगेट करने के लिए प्लांट लगवाने पर काम करना होगा। उस प्लांट में कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट लाकर सेग्रिगेट किया जाएगा। यानी ईट, मिट्टी, सीमेंट, बजरी, रेत, प्लॉस्टिक और लोहे के टुकड़े या पीस को सेग्रिगेट किया जाएगा। ईट को तोड़कर फर्श या नींव के बेस में यूज किया जा सकेगा। इसी तरह यूज सीमेंट, रेत और बजरी को अलग-अलग करके दोबारा यूज किया जा सकेगा।

15 साल के लिए मिलेगा काम

जो भी एजेंसी का चयन किया जाएगा, उसे 15 सालों तक शहर में जितने भी तरह के पुराने घर डिमोलिश होंगे, उसके सारे सामानों को वहां से उठाकर ले जाना होगा। उन सामानों को यूज करने लायक बनाना होगा। उस कंपनी को 15 साल के लिए प्रॉसेसिंग प्लांट भी लगाना होगा। साथ ही कंपनी को कहीं भी डिमोलिश होकर जो भी सामान गिरेगा, उसे वहां से उठाकर अपने प्लांट तक ले जाना होगा।

Posted By: Inextlive