हजार रुपए का लालच देकर ऑनलाइन मांगे जा रहे हैं डॉक्यूमेंट्स दूसरे के नाम से पेटीएम अकाउंट खोलकर फर्जीवाड़ा करने का नया खेल. ओएलएक्स पर खुलेआम डाले जा रहे हैं ऐसे विज्ञापन.


रांची(ब्यूरो)। साइबर ठग लोगों के साथ फ्रॉड करने के लिए नए-नए तरीके अपनाते रहते हैं। जब एक तरीके का खुलासा होता है तब तक फ्राड दूसरा तरीका तैयार कर लेते हैं। इन दिनों पैन और आधार कार्ड मांगकर ठगी को अंजाम देने लगे हैं। इसके लिए एक हजार रुपए का लालच भी देते हैं। कई लोग इसी एक हजार रुपए के चक्कर में पड़ कर ठगों के झांसे में आ रहे हैं। दरअसल ये ठग आम लोगों से उनका पैन और आधार नंबर लेकर पेटीएम अकांउट खुलवाते हैं, उसके बाद ओएलएक्स जैसी ऑनलाइन शॉपिंग साइट के जरिए लोगों को ठगने का काम करते हैं। कुछ ऐसे ही स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिसमें अलग-अलग नाम के लोग पेटीएम खाता खुलवाने के लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड की मांग कर रहे हैं। इसके लिए एक हजार का आफर भी दिया जा रहा है। ओएलएक्स पर करते हैं ठगी


अनजान शख्स के नाम पर पेटीएम अकाउंट खुलवाने के बाद ठग ओएलएक्स के माध्यम से अपना शिकार ढंूढते हैं। इस वेबसाइट पर कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन या दूसरे किसी सामान का फोटो डालकर उसे बिक्री का बताया जाता है। इसकी कीमत भी अपेक्षा से कम रखी जाती है, ताकि लोग आसानी से झांसे में फंस जाएं। जैसे ही कोई व्यक्ति इस झांसे में फंसता और सामान खरीदने की इच्छा जाहिर करता है, ठग उसे एडवांस पेमेंट करने को कहता है। पेमेंट के लिए उसी पेटीएम अकाउंट का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे उसने अनजान शख्स के डाक्यूमेंट पर खुलवाया है। पैसे लेकर वह गायब हो जाता है, और जिसने अपना डॉक्यूमेंट दिया है वो फंस जाता है। अनजान को न दें अपना दस्तावेज

कुछ पैसे के लालच में या फिर किसी भी बहकावे में आकर अपना डॉक्यूमेंट किसी भी अनजान शख्स को न दें। कुछ पैसे के लालच में बहुत बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। दस्तावेज के आधार पर कोई भी गलत काम कर सकता है। साइबर सेल और साइबर एक्सपर्ट की ओर से भी यह अपील बार-बार की जाती है। साइबर एक्सपर्ट सुमीत कुमार बताते हैं कि ऑनलाइन ठगी के सैकड़ों तरीके हो सकते हैं। लेकिन इससे बचने का सिर्फ एक तरीका जागरूकता ही काफी है। जितना ज्यादा लोग अवेयर रहेंगे उतना ही ठगों के झांसे से बचे रहेंगे। सुमित ने बताया कि पैन और आधार लेकर ठग उस व्यक्ति के नाम पर अलग-अलग अकाउंट खुलवाते हैं और ठगी करते हैं। पुलिस भी उन तक इसलिए नहीं पहुंच पाती क्योंकि ये लोग अपने आईडी से कुछ नहीं करते। हालांकि, रिपोर्ट और शिकायत के बाद पुलिस मामलों की तहकीकात करती है, जिसमें सफलता मिलने की गुंजाइश भी कम है।

Posted By: Inextlive