रांची: राजधानी के दूसरे सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल सदर में अब ब्लड के जरूरतमंदों को बड़ी राहत मिलने वाली है। ब्लड प्रॉसेसिंग के लिए ब्लड बैंक में सेपरेटर मशीन लगाने की तैयारी है। 70 लाख रुपये की कीमत वाली ब्लड सेपरेटर मशीन हॉस्पिटल में पहुंच चुकी है। वहीं, ब्लड बैंक में सिविल वर्क का काम भी तेज कर दिया गया है।

खत्म होगी रिम्स की दौड़

अगले महीने से ब्लड प्रॉसेसिंग की फैसिलिटी एक ही छत के नीचे मिल जाएगी, जिससे कि प्लाज्मा और ब्लड कंपोनेंट्स की समस्या दूर हो जाएगी। वहीं ब्लड की प्रॉसेसिंग के लिए अब बार-बार सदर के स्टाफ्स को रिम्स की दौड़ नहीं लगानी होगी।

डिलीवरी में भी प्रॉब्लम

अभी ब्लड प्रॉसेसिंग के लिए सदर हॉस्पिटल से हर दिन ब्लड रिम्स भेजा जाता है। इसके लिए एक स्टाफ को ड्यूटी में लगाया जाता है। ग्रुप मैच कराने से लेकर कंपोनेंट्स के लिए भी ब्लड रिम्स भेजा जाता है। इस चक्कर में प्रॉसेसिंग होने तक मरीजों के पास इंतजार करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं होता। वहीं ब्लड आने के बाद मरीजों को ब्लड चढ़ाया जाता है। जबकि कई बार तो डिलीवरी वाली महिलाओं के लिए भी ब्लड प्रॉसेसिंग कराने में टाइम लग जाता है।

स्टोरेज में रहेगा ब्लड

हॉपिस्टल बिल्डिंग में ही ब्लड स्टोरेज यूनिट बनाई गई है, जहां पर रिम्स से ब्लड प्रॉसेसिंग कराने के बाद रखा जाता है। ऐसे में वहां पर गिनती की यूनिट ही उपलब्ध रहती हैं। नई मशीन आ जाने के बाद प्रॉसेस्ड यूनिट भी रखी जाएगी, जिससे की मरीजों को तत्काल ग्रुप मैच कराने के बाद ब्लड दिया जा सकेगा। ऐसे में टाइम बचेगा और मरीज को समय से खून मिल जाएगा।

खत्म होगी रिम्स पर निर्भरता

ब्लड कंपोनेंट्स की सुविधा सदर के ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं है। इसके लिए रिम्स व प्राइवेट ब्लड बैंकों पर ही डिपेंड है। डिमांड अधिक होने के कारण रिम्स से भी लोगों को कंपोनेंट्स समय पर नहीं मिल पाता। मशीन चालू हो जाने से प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और पैक्ड सेल के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी। चूंकि ब्लड की प्रॉसेसिंग के दौरान उससे कंपोनेंट्स भी अलग किए जाएंगे। जिससे एक यूनिट ब्लड से 3 लोगों की जान बचाई जा सकेगी।

मशीन आ चुकी है। ब्लड बैंक की डिजाइन में कुछ बदलाव किया गया था। भवन निर्माण की ओर से सिविल वर्क शुरू हो चुका है, जिसमें एक महीने का समय लगेगा। इसके बाद मरीजों को ब्लड बैंक की सारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलने लगेंगी।

डॉ एस मंडल, डीएस, सदर हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive