RANCHI : राज्य सरकार को स्टेनोग्राफर (आशुलिपिक) ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। सचिवालय और संलग्न कार्यालयों के लिए हुई नियुक्ति प्रक्रिया में सरकार को मात्र एक स्टेनोग्राफर मिला। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने मात्र एक अभ्यर्थी की नियुक्ति की अनुशंसा कार्मिक विभाग को की है, जबकि 9म् पदों पर नियुक्ति होनी थी।

क्फ् दिसंबर को हुई थी परीक्षा

कार्मिक विभाग ने 9म् स्टेनोग्राफर की नियुक्ति की अनुशंसा पिछले वर्ष झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को की थी। सरकार द्वारा निर्धारित नियमावली के तहत नियुक्ति के लिए लिखित और आशुलिपि-टंकण परीक्षा हुई। पिछले वर्ष क्फ् दिसंबर को हुई लिखित परीक्षा (झारखंड सचिवालय आशुलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा) में 9म्0 अभ्यर्थी सफल हुए। इनकी आशुलिपि व टंकण परीक्षा इस वर्ष क्7 तथा क्8 मार्च को हुई। इसमें लगभग पांच सौ अभ्यर्थी शामिल हुए, जिनमें मात्र एक ही आवश्यक अर्हता हासिल करने में सफल रहा।

यह था आशुलिपि परीक्षा का पैटर्न

शार्टहैंड जांच हेतु अभ्यर्थियों को फ्ख्0 शब्दों का श्रुतिलेख दिया गया, जिसे 80 शब्द प्रति मिनट की गति से चार मिनट में लिखना था। इसके पूर्व अभ्यर्थियों को एक मिनट का समय श्रुतिलेख जांच के लिए दिया गया था। श्रुतिलेख के बाद उसके टंकण के लिए बीस मिनट का समय दिया गया। टंकण आरंभ करने के पूर्व भी अभ्यर्थियों को दो मिनट का समय श्रुतिलेख पढ़ने के लिए दिया गया। टंकण में उत्तीर्ण होने के लिए दस फीसद से अधिक गलतियां अयोग्यता की निशानी थी। अभ्यर्थियों को हिन्दी में तीस शब्द प्रति मिनट की गति से फ्00 शब्दों को दस मिनट में टंकित करना था। इसमें सफल होने के लिए डेढ़ फीसद से अधिक गलतियां नहीं होनी थीं।

घट रही स्टेनोग्राफी में रूचि

जानकार बताते हैं कि कंप्यूटर युग में स्टेनोग्राफी से रूचि घट रही है। इससे इसका प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में भारी कमी आई है। दूसरी तरफ, इसका प्रशिक्षण देने वाले संस्थान कम रह गए हैं। जानकार इस जांच परीक्षा को कठिन बता रहे हैं।

Posted By: Inextlive