रांची: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में मरीजों को बेहतर सुविधा देने के दावे किए जाते हैं। लेकिन हॉस्पिटल कैंपस में एकबार फिर से अवैध पार्किग सिर दर्द बना हुआ है। जबकि प्रबंधन ने 14 करोड़ रुपए की लागत से कैंपस में मल्टी स्टोरेज पार्किग बनाई थी। अब वहां गाडि़यां तो नहीं लगीं लेकिन मरीजों के लिए उस जगह को ओपीडी में कन्वर्ट करने की तैयारी है, जिससे भले ही ओपीडी में मरीजों का इलाज शुरू हो जाए, लेकिन समस्या जस की तस बनी रहेगी।

300 कार पार्क करने की है जगह

हॉस्पिटल की मेन बिल्डिंग के अलावा सुपरस्पेशियलिटी कैंपस में पहले से ही ओपीडी चल रहे हैं। ऐसे में नए ओपीडी के बारे में प्रबंधन ने तैयारी कर ली है। लेकिन इस चक्कर में मरीजों की परेशानी तो बढ़ जाएगी। वहीं कैंपस में अव्यवस्था का आलम भी बना ही रहेगा। जबकि इस पार्किग में एक साथ 300 गाडि़यों के पार्क करने की व्यवस्था है।

हॉस्पिटल को मिलता राजस्व

हॉस्पिटल के पार्किग को चालू कर देने से जहां एक ओर पूरा कैंपस जाम से मुक्त हो जाता। वहीं इससे हॉस्पिटल को राजस्व भी मिलता। इसके लिए पहले प्लान भी तैयार किया गया था। वहीं गाडि़यों के लोड को देखते हुए बिल्डिंग तैयारी की गई थी। लेकिन इसपर रोक लगा दी गई। अब इस बिल्डिंग को ओपीडी कांप्लेक्स बनाने को लेकर सहमति दी गई है।

गाडि़यां लगा रही हैं कैंपस में जाम

हॉस्पिटल कैंपस में हर दिन 400 फोर व्हीलर्स आते हैं। वहीं टू व्हीलर की संख्या भी दो हजार से अधिक है। अब डॉक्टर से लेकर स्टाफ सभी रोड किनारे गाडि़यां पार्क कर देते हैं। वहीं मरीजों के साथ आने वाले लोग भी बेरतीब गाडि़यां लगाकर निकल जाते हैं, जिससे हमेशा इमरजेंसी के सामने की स्थिति बनी रहती है। कई बार तो एंबुलेंस को निकलने की जगह भी नहीं मिल पाती। इसके बावजूद अवैध पार्किग हटाने को लेकर प्रबंधन का ध्यान नहीं है।

चालान काटने की योजना ठंडे बस्ते में

कोविड से पहले हॉस्पिटल में गाडि़यों की पार्किग पर रोक लगाई गई थी। वहीं जहां-तहां गाड़ी लगाने पर उनका चालान भी काटा जा रहा था। लेकिन अब यह व्यवस्था भी ठंडे बस्ते में चली गई। जबकि हर जगह सैप के जवान और सिक्योरिटी गा‌र्ड्स को तैनात किया गया है। फिर भी नो पार्किग में गाडि़यां खड़ी की जा रही हैं।

Posted By: Inextlive