रांची: रि6स में लॉकडाउन के बाद से ओपीडी की सेवाएं बंद कर दी गई थीं. ऐसे में गंभीर मरीज त

रांची: रिम्स में लॉकडाउन के बाद से ओपीडी की सेवाएं बंद कर दी गई थीं। ऐसे में गंभीर मरीज तो इलाज के लिए इमरजेंसी में पहुंच रहे थे। लेकिन अधिकतर लोगों ने अपनी बीमारी दबा रखी थी। इस बीच दो महीने के बाद जब शुक्रवार से हेल्थ सेक्रेटरी ने ओपीडी खोलने का आदेश दिया ताकि मरीजों का इलाज शुरू हो सके। लेकिन डॉक्टर साब ही भाग गए। मेडिसीन ओपीडी में दिन में एक भी डॉक्टर नहीं दिखे। जबकि पेडिया वार्ड में इक्का-दुक्का डॉक्टर ही नजर आए। इसके अलावा अन्य विभागों से भी अधिकतर डॉक्टर नदारद रहे। इतना ही नहीं, इस वजह से इमरजेंसी में ही मरीजों की भीड़ लगी रही। नतीजन, मरीजों और उनके परिजनों को संभालना मुश्किल हो गया। हालांकि, सिक्योरिटी गा‌र्ड्स ने लोगों को समझा-बुझाकर लाइन लगाने का प्रयास किया।

सेफ्टी बना बहाना

मेडिसीन डिपार्टमेंट में सबसे ज्यादा मरीज इलाज को आते हैं। ऐसे में जब लोगों को ओपीडी खुलने की जानकारी मिली तो अपने संसाधनों की मदद से इलाज को रिम्स पहुंच गए। लेकिन वहां तो सेफ्टी नहीं होने का बहाना बनाकर डॉक्टर साहब ही निकल गए। डॉक्टरों का कहना था कि न तो सोशल डिस्टेंसिंग की प्रॉपर व्यवस्था की गई है और न ही सुरक्षा के इंतजाम। ऐसे में उन्हें भी कोरोना का खतरा हो सकता है। इसलिए बचाव के इंतजाम किए जाने के बाद ही ओपीडी में सर्विस देंगे।

रजिस्ट्रेशन काउंटर में बनाया सर्किल

हॉस्पिटल के ओपीडी में आम दिनों में 1500-2000 मरीज इलाज को आते हैं। लेकिन लॉकडाउन के कारण लोगों को गाडि़यां नहीं मिल रही हैं। फिर भी पहले दिन काफी मरीज ओपीडी में दिखाने को पहुंच गए। इस वजह से रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भीड़ जमा हो गई। वहीं सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां भी उड़ने लगी। इसके बाद प्रबंधन ने तत्काल सर्किल बनाने को कहा। जिससे कि आने वाले दिनों में सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो किया जा सके।

इमरजेंसी में सोशल डिस्टेंसिंग फेल

कुछ ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं रहने के कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। जहां से उन्हें सीधे इमरजेंसी भेज दिया गया। इसके बाद इमरजेंसी में अचानक से भीड़ जमा हो गई। वहीं सोशल डिस्टेंसिंग को ठेंगा दिखाकर लोग रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लगे रहे। इसके बाद ड्यूटी पर तैनात गा‌र्ड्स ने लोगों को समझाने की कोशिश की। वहीं भीड़ जमा नहीं करने को कहा। इसके बाद भी लोग कुछ मानने को तैयार नहीं थे। उसमें से कुछ लोग खुद को बचाकर अपना इलाज कराने पहुंच गए।

कार्डियोलॉजी में स्क्रीनिंग के बाद देखा कार्डियो

हार्ट पेशेंट्स के लिए शुक्रवार का दिन राहत वाला रहा। जहां एक ओर लोग इलाज कराने के लिए पहुंचे। वहीं, डॉक्टरों ने भी सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा। वहीं केवल एक मरीज को एकबार में देखा जा रहा था। इसके अलावा कुछ डॉक्टरों ने बाहर हॉल में ही मरीजों को देखा। जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अपनी भी सुरक्षा हो सके। इसके अलावा सीटीवीएस के डॉक्टरों ने फेस शील्ड, मास्क, ग्लब्स के साथ मरीजों को देखा। इससे पहले मरीजों की स्क्रीनिंग की गई और ट्रैवल हिस्ट्री भी पूछी गई।

इमरजेंसी में स्क्रीनिंग के बाद एंट्री

इमरजेंसी गेट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड को थर्मल स्कैनर दिया गया है, जिससे कि हॉस्पिटल में आने वाले हर मरीज और उसके परिजन का बॉडी टेंपरेचर चेक किया जा रहा है, ताकि कहीं चूक न हो जाए। वहीं जिनका टेंपरेचर अधिक दिखा उन्हें हॉस्पिटल से बाहर भेज दिया गया। इतना ही नहीं, शनिवार से कई विभागों के ओपीडी में भी यही व्यवस्था की जाएगी, जिससे कि डॉक्टर व मरीज दोनों को ही इन्फेक्शन का खतरा न हो।

लिफ्ट में सैनिटाइजेशन नहीं लिफ्ट

मेन बिल्डिंग से लेकर सुपरस्पेशियलिटी तक दर्जनों लिफ्ट लगी हैं, जिसमें सैनिटाइजेशन करने की कोई व्यवस्था प्रबंधन ने नहीं की है। ऐसे में लिफ्ट यूज करने वालों को भी डर सता रहा है। वहीं डॉक्टर और नर्स भी चढ़ने से पहले लिफ्टमैन से यही पूछ रहे कि लास्ट टाइम लिफ्ट कब सैनिटाइज किया गया।

Posted By: Inextlive