मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश के बाद राज्य में यूनिवर्सल पेंशन योजना लागू कर दी गई है. सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत संचालित पेंशन योजनाओं को सरल बनाया गया है. एपीएल और बीपीएल कार्ड की बाध्यता समाप्त कर दी गई है. योजना की खास बात यह है कि अब 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी वृद्धजनों को पेंशन योजना का लाभ प्राप्त होगा. बशर्ते आवेदक करदाता ना हो.


रांची (ब्यूरो)। सरकार ने गरीब, नि:शक्त और निराश्रित जिनमें विधवा, एकल, परित्यक्त महिलाएं भी यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से आच्छादित होंगी। इन सभी को एक हजार रुपये महीने की पांच तारीख को प्रतिमाह उनके बैंक खाता में प्राप्त होगा। सरकार पेंशन देने के लक्ष्यों से परे जाकर झारखण्ड के हर उस व्यक्ति को यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से जोड़ रही है जो इसके दायरे में आते हैं। सरकार ने यूनिवर्सल पेंशन योजना के तहत 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सभी जरूरतमंद पेंशन योजना से जुड़ेंगे


केंद्र व राज्य सरकार द्वारा पूर्व से ही पेंशन योजनाएं संचालित हैं। पूर्व में इन योजनाओं को लागू करने के लिए लक्ष्य यानी सीमित संख्या में लाभुकों का चयन किया जाता था। ऐसे में लक्ष्य पूर्ण होने पर कई जरूरतमंद योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते थे। सभी को योजना का लाभ देने हेतु झारखण्ड की वर्तमान सरकार ने पहले की विसंगतियों को दूर करते हुए हर उस व्यक्ति को यूनिवर्सल पेंशन योजना से जोडऩे का फैसला लिया है जो इसकी पात्रता रख़ता है। सरकार के महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के माध्यम से इस पेंशन योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। ये होगी अहर्ता

यूनिवर्सल पेंशन स्कीम के तहत जिन अलग-अलग लाभुकों को लाभ देने का प्रावधान है- मुख्यमन्त्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजनाइसके तहत आवेदक (पुरूष अथवा महिला) की उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। उम्र संबंधी दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी। साथ ही, आवेदक करदाता नहीं होना चाहिए। मुख्यमन्त्री राज्य निराश्रित महिला सम्मान पेंशन योजनाइसके तहत 18 वर्ष से अधिक आयु की महिला, जिनके पति की मृत्यु हो गई हो पेंशन के लिए पात्र होगी। इसके लिए पति की मृत्यु प्रमाण पत्र की जरूरत होगी। इसके अलावा 18 वर्ष अथवा इससे अधिक आयु की परित्यक्त महिला, 45 वर्ष अथवा उससे अधिक उम्र की एकल महिला को भी पेंशन का लाभ मिलेगा। इन दोनों ही वर्गों के तहत आनेवाली महिलाओं को मुखिया एवं पंचायत सचिव/ वार्ड पार्षद एवं राजस्व उपनिरीक्षक का संयुक्त प्रमाणपत्र अथवा विधायक/सांसद अथवा किसी राजपत्रित पदाधिकारी द्वारा निर्गत प्रमाणपत्र की जरूरत होगी। स्वामी विवेकानंद नि:शक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजनाइसके तहत दिव्यांगता संबंधी प्रमाणपत्र की छायाप्रति तथा आयुप्रमाण पर (18 वर्ष से कम उम्र होने पर जन्म प्रमाणपत्र या स्कूल अथवा कॉलेज के प्रधानाचार्य के हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र) की जरूरत पड़ेगी।एचआईवी/एड्स पीडित व्यक्ति सहायतार्थ पेंशन योजनाइसके तहत आयु सीमा नहीं रखी गई है। आवेदक के लिए ्रक्रञ्ज/्रक्रष्ठ प्राप्त करने संबंधी चिकित्सा प्रमाण पत्र की जरूरत होगी।

पेंशन के लाभ के लिए यहां दें आवेदन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रखंड विकास पदाधिकारी (क्चष्ठह्र) तथा शहरी क्षेत्रों में अंचल पदाधिकारी (ष्टह्र) को आवेदन दे सकते हैं।

Posted By: Inextlive