रांची : कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर राज्य सरकार अलर्ट है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की निगरानी में इसके खिलाफ जंग की तैयारी चल रही है। उनके निर्देश पर सरकारी अस्पतालों में बच्चों के अनुकूल वार्ड और पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) स्थापित किए जा रहे हैं। दरअसल, चिकित्सकों, विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों को आशंका है कि तीसरी लहर बच्चों को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है। इसे देखते हुए राज्य के सभी जिलों में बच्चों के इलाज के लिए इंटेंसिव केयर यूनिट युद्धस्तर पर तैयार की जा रही है। राज्य के सभी सदर अस्पतालों तथा कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पीआइसीयू विकसित किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी बच्चों को बेहतर इलाज मुफ्त में मिल सके। सभी जिलों में चाइल्ड वार्ड के अतिरिक्त डेडिकेटेड चाइल्ड वार्ड विकसित हो रहे हैं। ये सभी वार्ड व पीआइसीयू वेंटिलेटर, बाल चिकित्सा वेंटिलेटर, बबल सीपीएपी, रेडिएंट वार्मर, ऑक्सीजन आपूर्ति सुविधा और अन्य आवश्यक उपकरणों से लैस किए जा रहे हैं।

बनाए जा रहे चाइल्ड फ्रेंडली वार्ड

सरकारी अस्पतालों में चाइल्ड फ्रेंडली पीडियाट्रिक वार्ड बनाए जा रहे हैं। वार्डो में कार्टून की पें¨टग की जा रही है। उपयोग किए जाने वाले पर्दे, चादरें और कवर रंगीन और आकर्षक रूप से तैयार किए गए हैं। इनके अलावा वार्ड में टेलीविजन सेट भी लगाए जा रहे हैं, ताकि बच्चों को घर से बाहर होने का अहसास न हो। अस्पतालों के आंगन और वार्डो के गलियारे को बच्चों की चहलकदमी लायक बनाया जा रहा है। कई स्टोरी बुक और अन्य शिक्षण सामग्री के साथ बुकशेल्फ भी स्थापित किए जा रहे हैं। कोडरमा, रांची, धनबाद, जमशेदपुर, गुमला, लातेहार, गिरिडीह आदि में पीआइसीयू का काम पूरा हो चुका है जबकि अन्य जिलों में कार्य प्रगति पर है।

कहां कितना कार्य पूरा

- रांची में 27 बेड का पीआइसीयू वार्ड पूरा हो गया है तथा 40 और ऐसे बेड पर काम चल रहा है।

- पूर्वी सिंहभूम में 30 पीआइसीयू बेड के विकास का कार्य प्रगति पर है।

- कोडरमा में 20 बेड की पीआइसीयू बनकर तैयार है।

- गिरिडीह और हजारीबाग के विभिन्न सीएचसी और सदर अस्पतालों में 130 बेड के चाइल्ड वार्ड विकसित हो रहे हैं।

- धनबाद और खूंटी में 70 से अधिक पीआइसीयू बेड का काम पूरा होने के करीब है।

राज्य सरकार लोगों और बच्चों के लिए हरसंभव स्वास्थ्य सुविधा तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। संभावित तीसरी लहर के खिलाफ जंग लड़ने के लिए सरकार खुद को पहले से तैयार कर रही है। हमने दूसरी लहर के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी। दूसरी लहर हमारे लिए एक सबक थी, जिसने हमें अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं में खामियों को खोजने में मदद की। इस बार हम खुद को पहले से तैयार कर रहे हैं।

हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड।

Posted By: Inextlive