रांची: एक बार फिर एक अप्रैल से गाडि़यों की सघन जांच का अभियान शुरू होने वाला है। गाड़ी के पेपर से लेकर पॉल्यूशन पेपर की भी जांच होगी। दरअसल, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों को ट्रैफिक जांच में थोड़ी राहत दी गई थी। सिर्फ हेलमेट और लाइसेंस की ही जांच हो रही थी। लेकिन एक अप्रैल से यह राहत खत्म हो जाएगी। सरकार ने 31 मार्च तक ही राहत देने की घोषणा की है। 31 मार्च तक लोगों को अपने सभी पेपर अपटूडेट कर लेने होंगे। नहीं तो फिर एक बार भारी भरकम फाइन देना पड़ेगा। लेकिन आम लोगों के पास समस्या यह है कि पेपर अपडेट कैसे कराएं। क्योंकि जिन्हें पेपर बनाने की अथॉरिटी दी गई है, वे ही आराम फरमा रहे हैं। दरअसल पॉल्यूशन पेपर बनाने की जिम्मेवारी जिन्हें दी गई है, वे सेंटर बंद कर दूसरे कामों में लगे हैं। डीजे आईनेक्स्ट ने शहर के कुछ इलाकों में इसका रियलिटी चेक किया, जिसमें सेंटर बंद होने की बात सही पाई गई।

स्पॉट-1 : हरमू रोड

टाइम : 12:20 बजे

हरमू रोड स्थित पेट्रोल पंप के समीप पॉल्यूशन टेस्ट सेंटर बनाया गया है। लेकिन बीते कई महीने से यह सेंटर बंद पड़ा है। पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने बताया कि कभी-कभी सेंटर खुलता है, ज्यादातर यह बंद ही रहता है। पॉल्यूशन पेपर बनाने लोग आते तो हैं लेकिन सेंटर बंद होने की वजह से उन्हें वापस लौटना पड़ता है।

स्पॉट 2: बरियातू

टाइम : 1:35 बजे

बरियातू स्थित पेट्रोल पंप पर भी पॉल्यूशन जांच सेंटर है। लेकिन यह भी ज्यादातर बंद ही रहता है। गुरुवार को जब डीजे आईनेक्स्ट की टीम पड़ताल करने यहां पहुंची तो सेंटर बंद मिला। आसपास के लोगों ने बताया कि सेंटर ज्यादातर बंद ही रहता है। कभी-कभी कुछ देर के लिए खुलता है। सेंटर बंद होने की वजह लोगों को परेशानी भी होती है।

स्पॉट 3: कोकर

टाइम: 2:10 बजे

कोकर से बूटी मोड़ की ओर जाने वाले रास्ते पर भी पॉल्यूशन सेंटर जांच करने के लिए खोला गया है। यह जांच सेंटर भी ज्यादातर बंद ही रहता है। जांच करने के नाम पर लोग लाइसेंस तो ले लेते हैं। लेकिन फिर सेंटर खोलना भी जरूरी नहीं समझते। लेकिन इन सबमें परेशानी आम लोगों को होती है।

अवैध माना जाएगा मैनुअल सर्टिफिकेट

एक अप्रैल के बाद मैनुअल तरीके से बनाया गया पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अवैध हो जाएगा। सिर्फ ऑनलाइन सर्टिफिकेट को ही वैध माना जाएगा। अवैध सर्टिफिकेट होने पर पुलिस उनपर फाइन भी कर सकती है। सभी जांच सेंटर के ओनर को डीटीओ ने जल्द से जल्द सारी व्यवस्थाएं ऑनलाइन शुरू करने का आदेश दिया है। लेकिन आलम यह है कि सेंटर ऑनलाइन होना तो दूर की बात सेंटर ओपन ही नहीं हो रहा है। डीटीओ ने ऐसे पॉल्यूशन सेंटर के ओनर का लाइसेंस रद्द करने की बात कही है। फिर भी इस दिशा में कोई खास सुधार होता दिख नहीं रहा है। बता दें कि नए मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार प्रदूषण पेपर होने पर पांच हजार रुपए का फाइन हो सकता है।

Posted By: Inextlive