RANCHI:सरकार ने किसी भी तरह के प्लास्टिक के यूज पर बैन लगा रखी है। वहीं इसका प्रोडक्शन करने, सप्लाई करने और इस्तेमाल करने वालों पर कार्रवाई करने का भी प्रावधान किया गया है। इसके बावजूद सिटी में पॉलीथिन का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। आखिर हो भी क्यों न रांची नगर निगम ने बिना हैंडल वाले वाले प्लास्टिक कैरीबैग को पॉलीथिन की कैटेगरी से बाहर जो कर रखा है, जिसमें केवल हैंडल नहीं है लेकिन यह पूरी तरह से प्लास्टिक है। जो पर्यावरण और पब्लिक को नुकसान पहुंचाने वाला है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर नगर निगम इस बिना हैंडल वाले प्लास्टिक पर कब रोक लगाएगा?

ठोंगा बन गया प्लास्टिक

दुकानों में छोटे से छोटे सामान के लिए अब कागज के ठोंगे की जगह प्लास्टिक के ठोंगे इस्तेमाल किए जा रहे है, जिसमें हैंडल नहीं होता। इसी में दुकानदार हर तरह के सामान लोगों को दे रहे हैं। इसमें सामान देने में उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं होती, जिससे पब्लिक को तो कोई राहत नहीं है चूंकि इसमें हैंडल नहीं है। उन्हें कैरी करने में भी परेशानी होती है। फिर भी लोग मजबूरी में सामान ले रहे हैं।

एक्शन लेने वाले भी सुस्त

पॉलीथीन का यूज करने वाले लोगों पर एक्शन लेने का जिम्मा नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम का है। लेकिन इंफोर्समेंट टीम ने भी फिलहाल कार्रवाई बंद कर दी है। सप्लायर को पकड़ने के चक्कर में ये छोटे कारोबारियों पर भी एक्शन नहीं ले रहे है, जिससे हर दिन लोगों के घरों में प्लास्टिक पहुंच रहा है।

विकल्प के साथ करना होगा बहिष्कार

प्लास्टिक बैग बैन होने के बावजूद हम प्लास्टिक बैग का यूज कर रहे हैं। हमें थैला लेकर चलने की आदत नहीं रही है। हम सभी शहर वासियों को कपडे़ के थैले लेकर चलने की आदत बनानी होगी तभी प्लास्टिक रूपी इस राक्षस से छुटकारा मिल सकेगा।

राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल

प्लास्टिक बंद करना अछी पहल है। सरकार प्लास्टिक पर पालिसी न बनाकर, फैक्ट्री को बंद न कर आम जनता को परेशान करती है। छोटे लोगों के बजाय बड़े कारोबारियों पर एक्शन लिया जाए तो काफी हद तक इससे छुटकारा मिल सकता है। विकल्प को भी ढूंढने की जरूरत है।

शिशु रंजन

प्लास्टिक का इस तरह से उपयोग बहुत ही नुकसानदेह है। पूरी तरह बैन होने के बाद भी सभी जगह पर प्लास्टिक का धड़ल्ले से उपयोग प्रशासन की कमजोरी को दर्शाता है। कानून का पालन कड़ाई से करवाना चाहिए ताकि प्लास्टिक बंद हो। इसके विकल्प पर जोर दिया जाए।

निशांत यादव

सरकार को इस पर नियंत्रण करना चाहिए और कठोर से कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। नगर निगम भी इसे लेकर काम नहीं कर रहा है। एक पदाधिकारी नियुक्त करते हुए उनको हर दिन जांच का आदेश देना चाहिए, जिससे कि कोई भी इस्तेमाल करने से पहले सोचेगा।

गोपाल पांडेय

प्लास्टिक का यूज धड़ल्ले से किया जा रहा है। डेली बाजार से लेकर साप्ताहिक बाजारों में पॉलीथिन का यूज हो रहा है। दुकानों पर पॉलीथिन बैग का यूज कर खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। इसका विकल्प तलाश कर बंद करना होगा।

अनामिका सिंह, समाजसेवी

आप शहर के किसी भी इलाके में जाइए कोई भी सामान, सब्जी, राशन पॉलीथिन में ही मिलेगा। कहीं भी ऐसा नहीं लगता कि पॉलीथिन पर रोक है। खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। निगम अभियान चलाकर सो जाता है।

पप्पू गुप्ता

Posted By: Inextlive