सर्वे ऑफ इंडिया के साथ झारखंड सरकार ने एमओयू किया. जमीन मालिक को मिलेगा प्रॉपर्टी कार्ड खूंटी में शुरू हुआ सर्वे कार्य. राज्य के सभी 24 जिलों में जमीन मालिक को मिलेगा प्रापर्टी कार्ड.

रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची समेत राज्य भर में जमीन फर्जीवाड़ा की खबरें अक्सर आती रहती हैं। जमीन को लेकर धरती लाल होती रही है। लेकिन, अब जमीन का यह फर्जीवाड़ा नहीं हो पाएगा। जी हां, जिस तरह से लोगों की पहचान के लिए यूनिक आईकार्ड आधार बनाया गया है, उसी तरह जमीन की पहचान के लिए भी एक कार्ड बनेगा। भले ही इसका नाम आधार न रखकर प्रॉपर्टी कार्ड रखा गया है, लेकिन इससे जमीन के फर्जीवाड़ा पर विराम लगना तय है। दरअसल, जमीन की समस्या का परमानेंट सॉल्यूशन करने के लिए झारखंड सरकार सभी जमीन मालिकों को प्रॉपर्टी कार्ड देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एमओयू किया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत खूंटी जिला का चयन किया गया है। सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा खूंटी में काम भी शुरू कर दिया गया है।
2025 तक सभी को प्रॉपर्टी कार्ड
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार का मकसद है कि जमीन के जो मामले हैं, उसको ठीक किया जाए, जो जमीन का सही मालिक है उसके पास उसकी जमीन सुरक्षित रहे। इसके लिए उसे एक कार्ड दिया जाएगा, जिसमें जमीन की सारी जानकारी उपलब्ध रहेगी। खूंटी से काम शुरू कर दिया गया है, 2025 तक राज्य के सभी जमीन मालिकों को प्रॉपर्टी कार्ड देने की योजना पर सरकार काम कर रही है।
डिजिटल होगा जमीन का रिकार्ड
सर्वे ऑफ इंडिया से एमओयू के बाद काम भी शुरू कर दिया गया है। इस योजना के तहत गांवों की भूमि की पैमाइश ड्रोन के जरिए होगी। ड्रोन से गांवों की सीमा के भीतर आने वाली हर प्रॉपर्टी का एक डिजिटल नक्शा तैयार होगा। साथ ही हर ब्लॉक यानी विकास खंड की सीमा भी तय होगी। सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में नवीतनम तकनीक के साथ मैपिंग होगी। इसके द्वारा गांवों में जमीन के सभी रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएंगे।
ऐसे बनेगा प्रापर्टी कार्ड
इस योजना के तहत प्रॉपर्टी कार्ड के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। जैसे-जैसे मैपिंग, सर्वे का काम पूरा होगा, सरकार खुद ही सभी लोगों को उनकी प्रॉपर्टी का कार्ड देती जाएगी। गांव का सर्वे पूरा होने के बाद प्राप्त डेटा को पंचायती राज मंत्रालय के ई.ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसके बाद प्रॉपर्टी कार्ड बनना शुरू हो जाएगा। इसके बाद जमीन मालिकों को संपत्ति कार्ड सौंपे जाएंगे। जिले के कलेक्टर के दिशा निर्देशन में ड्रोन मैपिंग सर्वे कार्य पूरा कराया जाएगा, तब उन जमीनों पर काबिज लोगों से संपत्ति के प्रूफ मांगें जाएंगे। जिनके पास प्रूफ हैं, वो तुरंत इसकी फ ोटो कॉपी जमा कर सकते हैं।
जिला प्रशासन देगा कार्ड
डिजिटल रूप में यह कार्ड आपको जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा ऑनलाइन भी आप डिजिटल कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे और इसके आधार पर आप फिजिकल कार्ड भी ले सकेंगे। आपको इसके लिए इन दस्तावेजों को देने की जरूरत होगी। आधार नंबर, भूमि की खसरा खतौनी की नकल, भूमि दस्तावेज नहीं होने पर घरौनी की नकल देना होगा। घरौनी नकल जिला प्रशासन द्वारा बनाकर दिया जाएगा।

कार्ड के ये होंगे लाभ
- प्रॉपर्टी मालिक को आसानी से उसका हक मिल जाएगा।
- एक बार प्रॉपर्टी कितनी है तय होने पर उसकादाम भी तय हो जाएगा।
-प्रॉपर्टी कार्ड का इस्तेमाल कर्ज लेने में किया जा सकेगा।
-पंचायती स्तर पर टैक्स व्यवस्था में सुधार होगा।
-प्रॉपर्टी कार्ड होने से आसानी से बैंकों से लोन भी मिलेगा।

क्या डिटेल रहेगा प्रॉपर्टी कार्ड में
-भू स्वामी का नाम
-जमीन का सर्वे नंबर
-भूमि का क्षेत्रफ ल
- स्वामित्व में परिवर्तन यानी भूमि बिक्री से संबंधित जानकारी
-लिये गए लोन का विवरण
- भूमि पर किसी प्रकार का विवाद या लंबित मुकदमों का विवरण
-भूमि पर भुगतान व अवैतनिक करों का विवरण
-प्रॉपर्टी कार्ड की सहायता से असली भू-स्वामी की जानकारी मिलेगी।
-प्रॉपर्टी कार्ड भूमि पर झूठे दावे का पता लगाने में मदद करता है
- इस कार्ड का उपयोग शहरी क्षेत्र में भूमि से संबंधित अदालती मुकदमों में किया जा सकता है।
-प्रॉपर्टी कार्ड धारक को भविष्य में किसी भी प्रकार के भूमि विवाद से बचने में मदद करेगा।

Posted By: Inextlive