बाल दिवस को लेकर सीएम हाउस में यूनिसेफ और एनबीजेके की ओर से आयोजित बाल पत्रकार कार्यक्रम में बच्चों का उत्साह सिर चढ़कर बोला. सीएम से रूबरू हुए बच्चों ने खुलकर अपनी बातें रखीं. वहीं संवाद के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बच्चों का उत्साह बढ़ाते नजर आए.


रांची (ब्यूरो)। कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में शनिवार को यूनिसेफ एवं नव भारत जागृति केंद्र रांची के संयुक्त प्रयास से बाल पत्रकार कार्यक्रम आयोजित किया गया। मौके पर सीएम हेमन्त सोरेन ने यूनिसेफ के बाल पत्रकारों से मुलाकात कर उनके साथ बाल अधिकारों व बच्चों के मुद्दों को लेकर बातचीत की तथा उनका उत्साहवर्धन किया। यह कार्यक्रम बाल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित हुआ था। कार्यक्रम में 10 बाल पत्रकारों ने हिस्सा लिया तथा मुख्यमंत्री के समक्ष अपने सपनों, आकांक्षाओं एवं चुनौतियों को साझा किया।कोरोना पर चर्चा


इन बाल पत्रकारों ने वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान बच्चों में हुई समस्याओं और चुनौतियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। विशेष रूप से महामारी के कारण उनकी शिक्षा व मानसिक स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ा है। इन सभी चीजों से मुख्यमंत्री को बाल पत्रकारों ने अवगत कराया। किस प्रकार महामारी के दौरान गरीब, जरूरतमंद बच्चों के पास स्मार्टफोन, पीसी आदि की अनुपलब्धता के कारण ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण करने में चुनौतियां आदि के संबंध में मुख्यमंत्री से अपनी बातें साझा की। बाल पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करते हुए सभी कक्षाओं के लिए स्कूलों को खोला जाए, ताकि सभी बच्चे पारंपरिक रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें और स्कूल के आनंदित माहौल में पढ़ाई कर सकें।शिक्षा में सुधार सरकार की प्राथमिकतामौके पर सीएम ने बाल पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी बाल पत्रकार शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं बाल अधिकारों के संबंध में सकारात्मक संदेश का प्रचार-प्रसार कर समाज में एक उदाहरण स्थापित कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार बच्चों की समस्याओं एवं चिंताओं पर निरंतर नजर रखे हुए है। विशेषकर झारखंड के बच्चों में शिक्षा को लेकर, जो महामारी के कारण बाधित हुई है उसकी भरपाई कैसे हो इस निमित्त राज्य सरकार सरकार काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्कूलों में सभी बच्चों को सुरक्षित एवं सकारात्मक वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी उपाय कर रही है।संक्रमण पर नजर

राज्य सरकार स्कूलों के संचालन हेतु संक्रमण की स्थिति पर नजर रखते हुए चरणबद्ध तरीके से विद्यालयों में पठन-पाठन प्रारंभ करने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि निकट भविष्य में प्राथमिक विद्यालय भी फिर से शुरू होंगे। स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षक एवं छात्र अनुपात के बीच के अंतराल को भरने की लगातार कोशिश की जा रही है। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 680 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया है, जो कि इसी दिशा में एक मजबूत पहल है। झारखंड प्रदेश में सभी बच्चों को समान अवसर मिले और उनका विकास हो यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर चीज के दो पहलू होते हैं। महामारी के दिनों में बच्चों को घरों से ही ऑनलाइन क्लास करनी पड़ी है। ऑनलाइन क्लास अच्छी भी है तो उसके नकारात्मक परिणाम भी हैं। अब हमारे जीवन के कई महत्वपूर्ण कार्य अब ऑनलाइन हो रहे हैं, इसमें शिक्षा भी शामिल है। आपदाएं बताकर नहीं आती

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमसभी को निश्चित रूप से यह पता है कि वैश्विक महामारी के दौरान बच्चों की पढ़ाई कितना प्रभावित हुआ है, साथ ही साथ बच्चों को पारिवारिक समस्याओं तथा कई अन्य मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया में ऐसे तो कई महामारी आ चुकी है परंतु कोरोना संक्रमण एक ऐसा महामारी है जिसने हर वर्ग अमीर, गरीब किसान, मजदूर सभी को प्रभावित किया है। इस महामारी ने मनुष्य के जीवन चक्र को ही अस्त-व्यस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभी भी समस्या टला नहीं है चुनौती सामने खड़ी है। यही कारण है कि अब हमें जीवन को संभालने के लिए रास्ता निकालना पड़ रहा है। राज्य सरकार लगातार स्थिति को सामान्य करने का कार्य कर रही है, स्थिति सामान्य हो भी रही है और हम आगे बढ़ भी रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यूनिसेफ एवं नव भारत जागृति केंद्र के प्रतिनिधियों को इस कार्यक्रम के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमसभी को जीवन में हमेशा यह बात अब याद रखनी होगी की समस्याएं कभी भी आ सकती हैं। आपदाएं बताकर नहीं आएंगी बल्कि किसी भी क्षण अचानक आ सकती हैं। उस समय हम सभी को साथ मिलकर हालात को देखते हुए आगे बढऩा होगा।

Posted By: Inextlive