RANCHI: रिम्स में एडमिशन ले चुके नए बैच के स्टूडेंट्स की इन दिनों सीनियर्स रैगिंग कर रहे हैैं. हाल यह है कि रैगिंग में उन्हें रात में मुर्गा बनाया जा रहा है तो कभी उनकी नाक जमीन से रगड़वाई जा रही है. रिम्स के स्टूडेंट ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि भैया अगर रिम्स में रैगिंग देखनी हो तो रात के 12 बजे सात नंबर हॉस्टल में चले आएं. यहां कोई मुर्गा बना मिलेगा तो कोई जमीन पर नाक रगड़ता. कहने को तो रिम्स में एंटी रैगिंग स्क्वॉयड है लेकिन वह किसी काम का नहीं है. स्टूडेंट्स भी रैगिंग के खिलाफ डरकर खुलकर नहीं बोलते हैैं.रिम्स डायरेक्टर डॉ तुलसी महतो ने बताया कि रिम्स में रैगिंग की इनफॉरमेशन मिली है. रैगिंग की किसी संभावित घटना के खिलाफ उन्होंने पहले ही वार्निंग जारी की है. अगर कोई ऐसी बात हुई तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. वहीं रिम्स सुपरिटेंडेंट डॉ एसके चौधरी ने बताया कि उन्हें रिम्स में रैगिंग की कोई इनफॉरमेशन नहीं है. इधर रिम्स में रैगिंग के बाद से नए स्टूडेंट्स में डर है.
By: Inextlive
Updated Date: Wed, 25 Sep 2013 09:34 AM (IST)
पहले भी हो चुकी है घटनारिम्स में रैगिंग कोई नई बात नहीं है। साल 2008 और 2011 में यहां रैगिंग के मामले हुए थे, जिसमें रैगिंग के कारण छात्र हॉस्टल में नहीं रहकर रेंट के रूम में रहने को विवश थे। 2008 में तो सीनियर्स जूनियर के साथ अति करते थे। रैगिंग करने के लिए आधी रात के बाद हॉस्टल से बुलाया जाता था और नंगा होने को कहा जाता था। रिम्स में रैगिंग की घटनाएं तब हो रही हैैं, जब डायरेक्टर का आवास 100 मीटर और पुलिस स्टेशन 300 मीटर की दूरी पर है।
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