केवल डिस्पेंसरी का ठप्पा नहीं रहेगा सभी तरह की बीमारियां ठीक होंगी. आईसीयू केबिन आइसोलेशन वार्ड ओटी समेत अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी


रांची(ब्यूरो)। डीआरएम ऑफिस हटिया के पास स्थित रेलवे हॉस्पिटल का जल्द ही कायाकल्प किया जाएगा। हॉस्पिटल को आधुनिक रूप देने से लेकर बेड और डॉक्टर्स की संख्या भी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए दक्षिण पूर्व रेलवे मुख्यालय ने प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास भेज दिया है। मंजूरी मिलने के बाद रेल अस्पताल में तमाम आधुनिक सुविधाएं बहाल हो जाएंगी, जिसके बाद रेलवे से जुड़े हजारों कर्मचारी और रिटायर्ड कर्मी एवं उनके परिवार का बेहतर इलाज हो सकेगा। फिलहाल इस अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव है। टेक्नोलॉजी के समय में आज भी यहां आधुनिक मशीनें नहीं हैं, और न टेस्ट की ही सुविधा है। चार से पांच डॉक्टर्स के भरोसे पूरा हॉस्पिटल है। लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिलने से वे यहां आना नहीं चाहते है। अब जब इसमें सुधार का प्रस्ताव लाया गया है, तो रेलवे कर्मियों में इसको लेकर खुशी है।
मिलेंगी ये फैसिलिटीज


रेल हॉस्पिटल में फिलहाल 40 बेड हैं। इसे बढ़ाकर 60 किया जाएगा। इसके लिए हॉस्पिटल के वर्तमान स्ट्रक्चर का भी विस्तार किया जाएगा। हॉस्पिटल के ऊपर एक फ्लोर का निर्माण करके उसमें तमाम आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इस हॉस्पिटल में महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग वार्ड, आईसीयू केबिन, आइसोलेशन वार्ड, ओटी व अल्ट्रासाउंड जांच भी शुरू की जाएगी। डॉक्टर्स की भी संख्या बढ़ाई जाएगी। फिलहाल चार डॉक्टर्स यहां हैं, इनकी संख्या बढ़ाकर 15 की जाएगी। वहीं स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भी सुविधा दी जाएगी। अस्पताल के दयनीय हालातरांची रेल मंडल के दक्षिण-पूर्व रेल हॉस्पिटल की स्थिति इन दिनों दयनीय हो गई है। इस कारण दिनोंदिन यहां मरीजों की संख्या कम होती जा रही है। इस अस्पताल पर आठ हजार से अधिक कर्मचारियों के 30 हजार से अधिक परिजनों के इलाज का जिम्मा है। लेकिन शायद ही कोई मरीज इलाज के लिए यहां पहुंचता है। यहां डॉक्टर भी अपने निर्धारित समय पर बैठते नहीं हैं। हॉस्पिटल में आनेवाले रेलकर्मी, सेवानिवृत्त कर्मी व उनके परिजन काफी देर तक डॉक्टर का इंतजार कर लौट जाते हैं। कोरोना काल में रेलवे कर्मचारियों को अपने इलाज के लिए काफी इधर-उधर भटकना पड़ा था। जबकि 20 बेड सिर्फ कोरोना संक्रमितों के लिए रिजर्व थे। इसके बावजूद सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण मरीज को रेफर कर दिया जाता था।टेक्नीशियन की कमी, उपकरणों का यूज नहीं

रेलवे अस्पताल में दो वेंटीलेटर मौजूद हैं, लेकिन टेक्नीशियन के अभाव में इन वेंटीलेटर का प्रयोग नहीं हो पा रहा है। रेलवे ने वेंटिलेटर चलाने के लिए टेक्नीशियन भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन यह पूरी नहीं हो पाई। रेलवे के इस अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी और दवाओं का हमेशा अभाव बना रहता है। अस्पताल में 15 डॉक्टरों की जरूरत है। इसके अलावा नर्स, वार्ड बॉय, अटेंडेंट की भी कमी है। हालांकि, रेलवे की ओर से भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। अब जब हॉस्पिटल को संवारने का निर्णय लिया गया है, तो ऐसे में रेलवे कर्मियों की भी एक आस जगी है।

मरीजों की संख्या को देखते हुए यहां मेडिकल फैसिलिटीज बढ़ाई जाएंगी। बेड की संख्या भी बढ़ाई जाएंगी।-प्रदीप गुप्ता, डीआरएम, रेलवे रांची

Posted By: Inextlive