RANCHI :राजधानी रांची में मोनो-मेट्रो रेल में सफर करने का आपका सपना पूरा नहीं हो सकेगा। इसमें अभी कई अड़चन है। मोनो रेल का प्रस्ताव अब स्टेट गवर्नमेंट की प्राथमिकता में भी नहीं है। केंद्र सरकार ने तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए इस परियोजना को रद्द कर दिया है। इसमें भूमि अधिग्रहण भी बहुत बड़ी समस्या बन रही है। इधर, दिनों दिन जाम की बढ़ रही समस्या से पूरी राजधानी परेशान है। कनेक्टिविटी के साधन भी नहीं बढ़ रहे हैं। शहर में सिटी बस भी फटेहाल में है। ऐसे में यहां मोनो मेट्रो रेल चलाने की डिमांड थी लेकिन इसके रद्द होने से शहर के नागरिकों को मायूसी ही हाथ लगेगी।

2015 में सीएम ने की थी घोषणा

रांची में मोनो रेल बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री रघुवर दास ने साल 2015 में ही की थी। इसके प्रस्ताव भी तैयार किए गए, जिसे केंद्र सरकार भेजा गया था। आईडीएफसी कंपनी ने प्रस्ताव का डीपीआर तैयार किया था, जिसमें प्रति किमी 200 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था। 14 किलोमीटर ट्रैक बिछना था और इसके लिए 19 स्टेशन का निर्माण होना था, लेकिन केंद्र सरकार ने मेट्रो रेल चलाने के लिए रांची को उपर्युक्त नहीं मानते हुए इसे अस्वीकृत कर दिया है। वहीं राज्य सरकार भी मोनो रेल के मामले में अब ठंडी पड़ती दिख रही है। सरकार का मानना है कि जब तक केंद्र इस दिशा में कोई पहल नहीं करता राज्य की ओर से कुछ नहीं किया जा सकता है।

भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ा अड़चन : सीपी

इस बाबत नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की स्वीकृति के बिना इस योजना को पूरा नहीं किया जा सकता है। लेकिन केंद्र इसमें कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा। वहीं रांची में मोनो रेल या मेट्रो रेल चलाने के लिए जमीन बहुत बड़ी बाधा बन रही है। भूमि अधिग्रहण की समस्या के चलते यह योजना फेल्योर हुई है। लोग अपनी जमीन देना नहीं चाहते, ऐसे में शहर में मोनो-मेट्रो रेल की योजना पास नहीं हो सकती।

क्या कहते हैं लोग

राजधानी में मोनो रेल बहुत जरूरी था। इसके चलने से रोड पर जाम की समस्या भी खत्म हो जाती। रांची में पॉपुलेशन बढ़ता ही जा रहा है। इसे देखते हुए कनेक्टिविटी के साधन बहुत महत्वपूर्ण है। मेट्रो रेल शहर में होना ही चाहिए।

रीना सेन गुप्ता

मेट्रो रेल तो आज हर शहर की डिमांड है। कॉलेज से लेकर ऑफिस और मार्केट जाने में काफी सुविधा होती है। लोग गाडि़यां लेकर नहीं निकलते जिससे रोड पर जाम भी नहीं लगता। रांची में भी मेट्रो की शुरुआत होनी चाहिए। गर्वमेंट को इसे प्रायारिटी देनी चाहिए।

अजित गुप्ता

जिस तरह से जाम की समस्या बढ़ रही है, ऐसे में यहां मेट्रो रेल बहुत जरुरी हो गया है। सरकार ने घोषणा की थी मोनो रेल बनवाने की, यदी फेल हो गया है तो यह राजधानी वासियों के लिए बुरी खबर है।

अरबिंद घोष

Posted By: Inextlive