रांची: हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शहर के अवैध छोटे-बड़े निर्माणों को तोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में अब अस्पताल, बहु मंजिला मकान या बड़ी गाडि़यों के शोरूम समेत जिसने भी बिना नक्शे के निर्माण कराया है, से अवैध बताते हुए निगम तोड़ने की तैयारी में है। इसी कड़ी में शहर के 200 मकानों को तोड़ने की पूरी तैयारी कर ली गई है, ये वैसे मकान हैं जिन्हें तोड़ने का आदेश पारित हो चुका है। साथ ही अपर बाजार के 300 मकानों को चिह्नित करके उस पर नगर निगम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने बुधवार को बताया कि रांची में नगर निगम क्षेत्र और आरआरडीए क्षेत्र में अवैध मकानों को चिह्नित किया गया है। अवैध रूप से बनाए गए मकानों को नगर निगम के कोर्ट से नोटिस दिया गया है। साथ ही अपर बाजार के 17 मकान हटाने का नोटिस भी दिया गया है।

नक्शा दिखाने पर ही बचेगा अस्पताल

बड़ा तालाब के पास स्थित नागरमल मोदी सेवा सदन अस्पताल को 15 दिनों के अंदर सक्षम प्राधिकार द्वारा मनोनीत नक्शा दिखाने पर ही टूटने से बचाया जा सकेगा। नगर आयुक्त ने कहा कि जिसने भी कानून को ताक में रख अगर मकान बनाया है, यह एक ऐसा निवेश है जो हमेशा रुलाएगा। उन्होंने बताया कि पीडि़तों द्वारा समय मांगने पर उन्हें 15 दिन का समय दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने बताया कि जब कोई कागजात होगा ही नहीं तो 15 दिन बाद भी कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सकेंगे।

भवनों को चिन्हित कर नोटिस

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों नगर निगम और रांची जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाकर ऐसे भवनों को चिह्नित कर नोटिस भेजा गया। हालांकि, अभियान के विरोध में भवन मालिक या उससे जुड़े लोगों का दावा है कि उनका भवन काफी पुराना है। नगर आयुक्त ने ऐसे दावे करने वालों से कहा है कि मकान उस अवधि का है तो उन्हें यह साबित करना होगा। मालूम हो कि ग्रामीण क्षेत्र के 485 घरों को तोड़ने का अल्टीमेटम दिया जा चुका है।

1974 से पहले भवन बनने का दें प्रमाण

नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि जो लोग यह कह रहे हैं कि हमारा भवन नक्शा बाइलॉज 1974 के पहले बनाया गया है तो उन्हें प्रमाण देना होगा कि उनका मकान 1974 से पहले बना है। अभी तक ऐसा कोई भी दस्तावेज हमारे सामने नहीं प्रस्तुत किया गया है जो यह साबित करता है कि उनका मकान वैध है और उसे गलत तरीके से नोटिस दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कई मकान अवैध बनाए गए थे और वे सब टूटेंगे, यह निश्चित है।

नगर निगम ने बिना जांच किए पारित किया आदेश: अरुण छौछरिया

सेवा सदन में अवैध निर्माण के मामले में कोर्ट द्वारा नोटिस भेजे जाने के संबंध में सेवा सदन के अध्यक्ष अरुण छौछरिया ने कहा कि नगर आयुक्त द्वारा अस्पताल को तोड़ने का आदेश देना सिर्फ गलत ही नहीं बल्कि अव्यवहारिक भी है। जनता के लिए सेवा सदन ही एकमात्र सहारा है । जहां उनका इलाज कम शुल्क में किया जाता है। 200 बेड वाले अस्पताल में 400 कर्मचारियों एवं करीब 100 डॉक्टरों की आजीविका चलती है। उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम द्वारा पारित आदेश जल्दबाजी में बिना तथ्यों की पूरी जांच किए हुए पारित किया हुआ प्रतीत होता है। जबकि सेवा सदन पिछले 62 वर्षों से जनता की सेवा में लगा हुआ है। यहां तक कि 2007 में सेवा सदन एवं रांची नगर निगम के साथ एक एमओयू साइन किया गया था। जिसमें सेवा सदन को सदन के सामने की जमीन जहां अभी पार्किंग की जाती है, उसको दिया था एवं इसका निर्माण सेवा सदन द्वारा ही किया जाना था।

Posted By: Inextlive