सिटी में कोरोना संक्रमण का भय एक बार फिर से लोगों के मन से निकल गया है. बिना मास्क पहने ही लोग बाजार में नजर आ रहे हैं. पुलिस ने चेकिंग भी बंद कर दी है.


रांची(ब्यूरो)। रविवार से वीकेंड लॉकडाउन खोल दिया गया। कारोबारियों और आम लोगों को संडे लॉकडाउन खुलने का बेसब्री से इंतजार था। वीकेंड लॉकडाउन तो खोल दिया गया है, दूसरी ओर थर्ड वेब के भी संकेत आने लगे हैं। बाजार खुल चुका है लेकिन सावधानी अब भी जरूरी है। हालांकि बाजारों में लोग कम सतर्क नजर आ रहे हैं। कोरोना के धीमा पड़ते ही लोगों ने लापरवाही शुरू कर दी है। अब चेहरे पर मास्क भी नजर नहीं आता। वहीं बीते तीन महीने से पुलिस-प्रशासन भी सुस्त रवैया अपना रहा है। तीन महीने पहले जहां बगैर मास्क के दिखने वाले लोगों को पकड़-पकड़ कर फाइन वसूला जा रहा था। वहीं अब पुलिस की टीम खुद भी बिना मास्क के घूमती नजर आ रही है। कहीं ये लापरवाही एक बार फिर से कोरोना कैरियर का काम न कर दे।फेस्टिव सीजन में सैकड़ों लोग आए


फेस्टिव सीजन में सैकड़ों लोग रांची लौट आए हैं। सभी अपने-अपने घर पहुंच रहे हैं। विडंबना है कि इन लोगों की आरटीपीसीआर जांच में भी लापरवाही देखी जा रही है। बाहर से लौटने वाले लोग संक्रमित पाए जाने के बाद भी चोरी-छिपे घर जाने में सफल हो रहे हैं, जो संक्रमण को बढाने में मददगार साबित हो सकता है। ऐसे में मास्क का इस्तेमाल अब भी जरूरी है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी मास्क जांच नहीं हो रहा हैै। मार्केट में लोग बिना मास्क खुलेआम घूम रहे हैं। पुलिस ऐसे लोगों पर कार्रवाई बिल्कुल बंद कर चुकी है। कोरोना लहर की पहली और दूसरी लहर ने राजधानी में काफी नुकसान पहुंचाया था। वो दर्दनाक तस्वीर आज भी कई लोग भूल नहीं पाए हैं। लेकिन ऐसे भी लोग जो समय के साथ सारी तबाही भूल चुके हैं। तभी आज वे कोविड गाइडलाइन के सभी नियम ताक पर रख कर चल रहे हैं। दो महीने पहले जो लोग सावधानी से ज्यादा डर की वजह से नियमों का पालन कर रहे थे, वे भी अब नियमों को मानने से परहेज कर रहे हैं। नहीं आई कोई गाइडलाइन मास्क नहीं लगाने के लिए अब तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है। जबकि कोविड गाइडलाइन के तहत मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग पालन करने के नियम अब भी जारी है। फिर भी इन नियमों का पालन तो नहीं हो रहा है, लेकिन जो गाइडलाइन जारी ही नहीं हुआ वे लोग उसका अच्छे तरीके से पालन कर रहे हैं। मास्क नहीं लगाकर भरा था 25 लाख जुर्माना

दो महीने पहले मास्क नहीं लगाने वाले करीब पांच हजार लोगों पर 25 लाख रुपए को पेनाल्टी किया गया था। लेकिन इधर दो महीने से 500 रुपए का भी फाइन बगैर मास्क वालों पर नहीं किया गया है। इसका नतीजा है कि लोग बेधड़क खुलेआम नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन के दौरान लगातार अभियान चला कर आम लोगों को अवेयर भी किया जा रहा था। खतरा अब भी बरकरार है लेकिन लोग और शासन दोनों बेपरवाह हो चुके हैं। मॉल मार्केट में भी जांच नहींसिर्फ आम नागरिक ही नहीं, बल्कि मार्केट के दुकानदार, मॉल संचालक, रेस्टोरेंट ओनर समेत अन्य सभी स्थानों पर लोग लापरवाही बरतने लगे हैं। दो महीने पहले हर जगह बगैर मास्क के एंट्री पर रोक लगा दी गई थी। अब किसी भी दुकान पर नो मास्क नो एंट्री का पोस्टर भी नजर नहीं आ रहा। सिर्फ मास्क ही नहीं सेनेटाइजर का इस्तेमाल भी लोग भूलते जा रहे हैं। इसके अलावा सामाजिक दूरी भी खत्म हो चुकी है। इन सभी नियमों की अनदेखी कर हम लोग थर्ड वेव को खुद न्योता दे रहे हैं।

Posted By: Inextlive